Edited By Anil dev,Updated: 17 Jan, 2020 10:59 AM
कार्यस्थल पर महिला सशक्तिकरण भी महिलाओं के यौन उत्पीडऩ के जोखिम को नहीं रोकती है। इसके विपरीत, पर्यवेक्षी पदों वाली महिलाओं को अन्य महिला कर्मचारियों की तुलना में अधिक परेशान किया जाता है, एक नए शोध में यह बात सामने आई है।
लंदन: कार्यस्थल पर महिला सशक्तिकरण भी महिलाओं के यौन उत्पीडऩ के जोखिम को नहीं रोकती है। इसके विपरीत, पर्यवेक्षी पदों वाली महिलाओं को अन्य महिला कर्मचारियों की तुलना में अधिक परेशान किया जाता है, एक नए शोध में यह बात सामने आई है। डेडलस पत्रिका में प्रकाशित स्टॉकहोम विश्वविद्यालय सहित अमरीकी और जापानी शोधकत्र्ताओं द्वारा कार्यस्थल पर ‘शीर्ष भूमिकाओं पर महिलाओं से यौन उत्पीडऩ’ पर किए गए संयुक्त अध्ययन में अमरीकी और जापानी शोधकत्र्ताओं के दल ने 2019 के दौरान नई सर्वेक्षण सामग्री एकत्र की।
शोध के अनुसार शीर्ष महिला कर्मचारियों को कार्यस्थलों पर 2 तरह के समूहों यानी कि अपने मातहतों और उच्च स्तर के प्रबंधन द्वारा परेशान किया जाता है। अमरीकी शोध में 1,573 नियोजित महिला नागरिक शामिल थे, जिनमें 62 प्रतिशत पर्यवेक्षी पदों पर थीं, जबकि जापान के शोध में 1,573 उत्तरदाता शामिल थे, जिनमें से 17 प्रतिशत महिलाएं पर्यवेक्षी पदों पर थीं। इस अध्ययन से पता चलता है कि पर्यवेक्षी पदों वाली महिलाएं अन्य महिला कर्मचारियों की तुलना में 30 से 100 प्रतिशत अधिक यौन उत्पीडऩ का सामना करती हैं।