कोरोना की वजह से डेंगू रोकथाम के प्रयास हो रहे प्रभावित

Edited By Tanuja,Updated: 12 Jul, 2020 04:44 PM

dengue prevention efforts stifled by coronavirus pandemic

एशियाई देश डेंगू के साथ कोरोना से भी लड़ रहे जंग, रोकथाम के प्रयास हो रहे प्रभावित

जकार्ताः कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकारों ने लॉकडाउन लगाए, कई तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई और कई तरह के कदम उठाए, हालांकि इन पाबंदियों के चलते डेंगू की रोकथाम के प्रयास प्रभावित हो रहे हैं। सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे दक्षिणूपर्वी एशियाई देशों को इस साल डेंगू के साथ-साथ कोरोना वायरस का भी सामना करना पड़ रहा है। पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक ब्राजील में जहां कोविड-19 के 16 लाख से अधिक मामले हैं वहीं डेंगू के कम से कम 11 लाख मामले हैं और इसके कारण करीब 400 लोगों की मौत हो चुकी है।

 

बरसात का मौसम शुरू होने के साथ क्यूबा, चिली और कोस्टा रिका जैसे लातिन अमेरिकी देशों और भारत तथा पाकिस्तान जैसे दक्षिण एशियाई देशों में डेंगू के भी मामले बढ़ेंगे। डेंगू यूं तो जानलेवा नहीं होता है लेकिन गंभीर मामलों में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। इसे रोकने के लिए अब भी एहतियात बरतना ही सर्वश्रेष्ठ कदम है जैसे कि मच्छरों को पनपने से रोकना, कूड़ा-कचरा हटाना और पानी ठहरने नहीं देना।

 

कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन और अन्य पाबंदियों के कारण हालांकि इस दिशा में प्रयास कम हो गए हैं या कई देशों में तो पूरी तरह से रुक गए हैं।यंग डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रमुख डॉ. रिजवान कुंडी ने बताया कि पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में पिछले वर्ष जिन स्थानों पर डेंगू का पनपना पाया गया था उन स्थानों को संक्रमणमुक्त करने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई क्योंकि इसके लिए रखा गया कोष कोरोना वायरस संबंधी कामों में ले लिया गया। भारत की राजधानी में मच्छर प्रजनन स्थलों को समाप्त करने वाले स्वास्थ्य कार्यकर्ता लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की भी जांच कर रहे हैं।

 

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेडक्रॉस एंड रेड क्रीसेंट सोसायटीज के अमेरिकी क्षेत्रीय कार्यालय में स्वास्थ्य प्रमुख डॉ मारिया फ्रेंका टालारिको ने कहा कि अनेक लातिन अमेरिकी देशों में कोरोना वायरस संक्रमण के हजारों मामलों का पता चलने का मतलब है कि डेंगू पर निगरानी प्रभावित हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के प्रयासों का बाधित होना डेंगू के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए शुभ संकेत नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक डेंगू के मामलों के लिहाज से 2019 सबसे खराब साल था जब सभी क्षेत्र प्रभावित हुए और कुछ देश तो पहली बार प्रभावित हुए। डेंगू फैलाने वाला मच्छर एडीज एजिप्टी अधिकतर शहरी क्षेत्रों में पाया जाता है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन की वजह से हो रही तापमान वृद्धि से संकेत मिलते हैं कि डेंगू का प्रसार बढ़ेगा।

 

विशेषज्ञों के अनुसार कम आवाजाही से मच्छरों के लोगों के काटने की संभावनाएं भी कम होती हैं, लेकिन कोरोना वायरस महामारी ने अन्य कारकों को उजागर कर दिया है। इस सिलसिले में सिंगापुर नेशनल एनवॉयरमेंट एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण की रफ्तार कम करने का एक तरीका घर में ही रहना सुझाया जा रहा है, लेकिन इससे डेंगू फैलने का खतरा भी बढ़ सकता है क्योंकि एडीज एजिप्टी दिन में काटता है और लोगों के अधिक समय तक घरों में रहने से लोगों को मच्छरों के काटने की संभावना भी बढ़ जाती है जहां मच्छर अधिक पनपते हैं।
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!