Edited By Tanuja,Updated: 04 Sep, 2018 12:42 PM
स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे उपकरणों की बैटरी अगर खत्म हो जाए हो लोग इन्हें चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड या पावर बैंक का इस्तेमाल करते हैं। खास कर सफर के दौरान कई बार इलेक्ट्रिक बोर्ड की सुविधा न होने पर पावर बैंक का इस्तेमाल ककिया जाता है।
वाशिंगटनः स्मार्टफोन, टैबलेट जैसे उपकरणों की बैटरी अगर खत्म हो जाए हो लोग इन्हें चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड या पावर बैंक का इस्तेमाल करते हैं। खास कर सफर के दौरान कई बार इलेक्ट्रिक बोर्ड की सुविधा न होने पर पावर बैंक का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन पावर बैंक को चार्ज करने के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड जरूरी हो जाता है। चार्जिंग के लिए इलेक्ट्रिक बोर्ड या पावर बैंक के झंझट से छुटकारा पाने के लिए अब वैज्ञानिकों ने अनोेखा व बेहतरीन विकल्प तलाश लिया है।
उन्होंने एक ऐसा अनोखा पहना जा सकने वाला उपकरण विकसित किया है, जो हमारे चलने के दौरान मात्र हाथ की गतिविधि से ऊर्जा पैदा कर सकता है। यह ऊर्जा को संग्रहित भी रखेगा, जिससे जरूरत पड़ने पर अपने जरूरी उपकरणों को चार्ज किया जा सकेगा। एडवांस फंगशनल मैटीरियल्स नामक जर्नल में प्रकाशित इस उपकरण के बारे बताया गया है कि इसका आकार एक कलाई की घड़ी जितना है।
यह इतनी ऊर्जा पैदा कर सकता है, जिससे निजी स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को आसानी से चलाया जा सके। अमरीका की पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सुजान ट्रोलियर-मैककिंस्त्री कहती हैं, अनुकूलित सामग्री से हमने जो उपकरण बनाया है, वह किसी भी अन्य उपकरण की तुलना में पांच से 50 गुना ज्यादा बेहतर तरीके से चलता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स में शामिल किए जाने वाले उन लाखों उपकरणों को ऊर्जा देने के लिए दूसरे माध्यमों से ऊर्जा एकत्रित करने वाले उपकरणों की मांग बहुत बढ़ गई है। फिर से चार्ज हो सकने वाली बैटरी या सुपरकैपिसिटर को लगातार ऊर्जा उपलब्ध कराकर ये उपकरण बैटरी बदलने में आने वाली श्रम लागत को कम कर सकता है और इससे लैंडफिल से उन बैटरी को बाहर रखने में भी मदद मिलेगी, जिन्होंने काम करना बंद कर दिया है।