Edited By Tanuja,Updated: 13 Jan, 2020 12:02 PM
ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण 50 करोड़ से अधिक जानवरों की मौत के बीच दक्षिण कंगारू द्वीप पर जानवरों ....
सिडनीः ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग के कारण 50 करोड़ से अधिक जानवरों की मौत के बीच दक्षिण कंगारू द्वीप पर जानवरों के बचाव एवं राहत के लिए आपदा मिशन शुरु करते हुए सोमवार को एक टीम तैनात की गई। पशु कल्याण संगठन ह्यूमन सोसायटी इंटरनेशनल( एचएसआई) द्वारा गठित आपदा टीम आग में झुलसे, धुएं से प्रभावित एवं भयानक अग्निकांड से सदमे में आये जानवरों की मदद कर रही है।
टीम इस भयंकर प्राकृतिक आपदा से बच निकले जानवरों के लिये पानी और खाद्य केन्द्र बनायेगी। एचएसआई की वरिष्ठ विशेषज्ञ केली डोनिथान ने जंगलों में लगी आग से जानवरों की दर्दनाक मौत का जिक्र करते हुए कहा,‘‘ जमीनी स्थिति बेहद गंभीर है। एक जानवर बचाव कर्मी के नाते मैंने कई मुश्किल परिस्थितियां देखी है। जहां तक नज़रे जा रही हैं वहां तक जानवरों के झुलसे शव दिखाई दे रहे हैं। हम हर दिन बचाव और तलाशी अभियान चला कर जिंदा और झुलसे हुए जानवरों को तलाश रहे हैं। उनको तत्काल जीवन रक्षक सहायता देना बेहद राहत भरा है।''
उन्होंने बताया, ‘‘हमने आग में झुलसे कई कंगारुओं और कोआला को पानी के लिए तरसते हुए देखा है। इतनी बड़ी संख्या में जानवरों की मौत के बाद किसी भी जानवर का जिन्दा मिलना चमत्कार जैसा लगता है।'' कंगारू द्वीप पर करीब 50 हजार कोआला थे लेकिन विशेषज्ञों को आशंका है कि आग के कारण आधे से ज्यादा द्वीप के सुख जाने और वनस्पतियों के नष्ट हो जाने से अब करीब 32 हजार अन्य मवेशियों के साथ 30 हजार कोआला जानवरों की भी मौत हो गयी है।
उल्लेखनीय है कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग को देश के इतिहास की सबसे भयंकर आग माना जा रहा है। करीब 70 मीटर तक उठती लपटें कुतुब मीनार की ऊंचाई से मामूली रुप से कम हैं। इससे अब तक 50 करोड़ से अधिक जानवरों की मौत हो चुकी है और 26 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। आग ने इतना विशाल रूप ले लिया है कि इसकी जद में आ कर सैकड़ो घर भी जल कर खाक हो गए है जिसकी वजह से लोगों को एक जगह से दूसरी जगह पर पलायन करना पड़ रहा है।