Edited By Isha,Updated: 26 Apr, 2018 05:03 PM
एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की विकास मामलों की शाखा ने आगाह किया है क्षेत्र में आपदाओं के चलते होने वाली आर्थिक क्षति वर्ष 2030 तक सालाना 160
संयुक्त राष्ट्रः एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की विकास मामलों की शाखा ने आगाह किया है क्षेत्र में आपदाओं के चलते होने वाली आर्थिक क्षति वर्ष 2030 तक सालाना 160 अरब डॉलर को पार कर सकती है। संस्था ने क्षेत्र में आपदा संबंधी खतरे को लेकर वित्तपोषण के लिए व्यापक कदम उठाने का अनुरोध किया है।
एशिया एवं प्रशांत के लिये संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक आयोग ( ईएससीएपी ) ने कहा कि इस संबंध में और अधिक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है क्योंकि क्षेत्र में होने वाली महज आठ फीसदी क्षति ही बीमा युक्त होती है। एशिया प्रशांत क्षेत्र में आपदा खतरे के लिए वित्त पोषण विषय पर एक कार्यक्रम में बोलते हुए ईएससीएपी की कार्यकारी सचिव शमशाद अख्तर ने इस बात को रेखांकित किया , ‘‘ अब वक्त है कि उभरती हुई इन जटिल चुनौतियों का समाधान हो। ईएससीएपी ने आगाह करते हुए कहा कि एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक क्षति वर्ष 2030 तक सालाना 160 अरब डॉलर को पार कर सकती है। शमशाद ने कहा कि यथा स्थिति बनाए रखना संभव नहीं है।
ऐसे में सार्वजनिक एवं निजि दोनों क्षेत्रों में नीति निर्माता एवं आॢथक रणनीतिकारों को साथ मिलकर काम करना होगा। इस दौरान उन्होंने पश्चिम में तुर्की से लेकर पूर्व में किरीबाती के छोटे द्वीप और उत्तर में रूस से लेकर दक्षिण में न्यूजीलैंड तक ईएससीएपी की भूमिका पर प्रकाश डाला। बहरहाल यूएन ऑफिस फॉर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन ( यूएनआईएसडीआर ) के प्रमुख मामी मिजुतोरी ने तेज एवं टिकाऊ विकास के लिए आपदा खतरा वित्तपोषण एवं आपदा खतरे को कम करने के लिये संसाधन की आवश्यकता के महत्व को रेखांकित किया।