Edited By Tanuja,Updated: 12 Jul, 2020 05:23 PM
कोरोना वायरस महामारी को रोकने का सबसे बड़े रक्षा कवच माने जा रहे फेसमास्क, ग्लव्स समुद्री जीवों के लिए खतरा बने हुए हैं। इंसानों की ...
इंटरनेशनल डेस्कः कोरोना वायरस महामारी को रोकने का सबसे बड़े रक्षा कवच माने जा रहे फेसमास्क, ग्लव्स समुद्री जीवों के लिए खतरा बने हुए हैं। इंसानों की लापरवाही के चलते फेसमास्क, ग्लव्स और पीपीई किट समुद्र को जहरीला बनाने का जरिया बन गए हैं। हर माह अरबों की संख्या में फेसमॉस्क और ग्लब्स समुद्र में फेंके जा रहे हैं, जो जलीय जंतुओं के लिए जानलेवा हो गए हैं।
ओशियन-एशिया संस्था का कहना है कि मेडिकल कचरे से करोड़ों जलीय जीवों की मौत हो सकती है। ओशियन-एशिया संस्था ने हांगकांग, तुर्की, फ्रांस और ब्रिटेन के समुद्री तटों में कचरे पर किए सर्वे के बाद बताया कि तटों से सौ मीटर की दूरी तक फैला कई टन कोरोना मेडिकल कचरा जीवों के लिए खतरा बना हुआ है । जानकारी के अनुसार दुनिया के कुल 215 देश संक्रमण की चपेट में हैं, जहां मॉस्क पहना जा रहा है।
एक अनुमान के हिसाब से लोग एक से दिन में दो मास्क इस्तेमाल करते हैं। विश्व आर्थिक मंच की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का 30 फीसदी कचरा ही सही तरह से निस्तारित हो पा रहा है। बाकी धरती या नदियों, झील और समुद्र में डंप हो रहा है। पर्यावरण संस्थानों ने कपड़े का या जल्दी से नष्ट हो जाने वाले मॉस्क को अनिवार्य बनाने की सलाह दी है। जबकि अस्पतालों से निकला कचरा सीधे संयंत्रों में भेजना अनिवार्य करने की अपील की गई है।