ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स में CAA पर चर्चा, उसके प्रभाव पर की चिंता प्रकट

Edited By Pardeep,Updated: 28 Feb, 2020 12:03 AM

discussion on caa in uk house of lords concerns over its impact

ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत में लागू संशोधित नागरिकता कानून के प्रभाव पर चर्चा हुई और ब्रिटिश सरकार से भारत सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर उठ रही चिंता पर ज्ञापन देने की मांग की गई। लंदन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में...

लंदनः ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में भारत में लागू संशोधित नागरिकता कानून के प्रभाव पर चर्चा हुई और ब्रिटिश सरकार से भारत सरकार को अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर उठ रही चिंता पर ज्ञापन देने की मांग की गई। लंदन में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में मंगलवार शाम चर्चा शुरू हुई।

भारत में इस कानून के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन की खबरों के बीच जॉन मोंटागू ने मांग की कि ब्रिटिश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीएए और भारतीय समाज पर उसके असर की समीक्षा करने की अपील करे। इस पर ब्रिटिश सरकार ने जवाब दिया कि वह स्थिति पर गहरी नजर बनाए हुए है क्योंकि यह कानून भारत में स्पष्ट रूप से विभाजनकारी है और उसके पूर्ण प्रभाव को लेकर कुछ चिंताएं हैं।

भारतीय मूल के लॉर्ड मेघनाद देसाई ने कहा, ‘‘ यह कहा जाता है कि यह कानून असंवैधानिक है लेकिन हमें नहीं पता है क्योंकि अब तक भारत के उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर सुनवाई नहीं की है..... (लेकिन) लोग कह रहे हैं कि सीएए को बस इसलिए पारित किया गया है कि संदिग्ध कागजों के साथ आए हिंदू आसानी से बस जाएं , अन्य लोग ऐसा नहीं कर पायें। ऐसा अब तक हुआ नहीं है , यह मान लिया गया डर है।''

हालांकि भारतीय मूल के ही लॉर्ड राज लूम्बा ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने बार बार स्पष्ट किया है कि सीएए ऐसे लोगों को एकबारगी के आधार पर नागरिकता प्रदान करने के लिए है जिनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है। यह किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं है। हालांकि लॉर्ड इंद्रजीत सिंह ने चेतावनी दी कि नया कानून मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव का कानूनी रास्ता तैयार कर सकता है।

 

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