Edited By Isha,Updated: 13 Jun, 2018 02:04 PM
पाकिस्तान के पेशावर में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर दिनोंदिन इस्लामिक कट्टरपंथियों के जुल्म बढ़ते जा रहे है। इसी के कारण पेशावर के 30 हजार सिखों में से 60 प्रतिशत से ज्यादा अब पलायन
पेशावरः पाकिस्तान के पेशावर में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर दिनोंदिन इस्लामिक कट्टरपंथियों के जुल्म बढ़ते जा रहे है। इसी के कारण पेशावर के 30 हजार सिखों में से 60 प्रतिशत से ज्यादा अब पलायन कर के या तो देश के दूसरे हिस्सों में चले गए हैं या फिर भारत आकर बस गए हैं। हाल ही में, पेशावर में किराने की दुकान चलाने वाले सिख धर्मगुरु और मानवाधिकार कार्यकर्ता चरणजीत सिंह को बदमाशों ने गोलियों से भूनकर मार डाला। सिख समुदाय के बाबा गुरपाल सिंह ने कहा, 'मुझे लगता है कि यहां सिखों का नरसंहार हो रहा है।'
अलग दिखने के कारण किया जा रहा सफाया
पाकिस्तान सिख काउंसिल (PCS) के एक और सदस्य ने कहा कि उनके समुदाय का इसलिए सफाया किया जा रहा है क्योंकि वे अलग दिखते हैं। PCS सदस्य बलबीर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए अपनी पगड़ी की तरफ इशारा करते हुए कहा,'यह आपको आसान शिकार बनाता है।' कुछ सिखों का आरोप है कि आतंकी समूह तालिबान इन हत्याओं को अंजाम दे रहा है।
आईएस ने ली जिम्मेदारी फिर भी हिंदू राजनेता को किय़ा गिरफ्तार
साल 2016 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सांसद सिख समुदाय के सोरन सिंह की हत्या कर दी गई थी।तालिबान द्वारा इस हत्या की जिम्मेदारी लिए जाने के बावजूद, स्थानीय पुलिस ने इस हत्या के आरोप में उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और अल्पसंख्यक हिंदू राजनेता बलदेव कुमार को गिरफ्तार किया। हालांकि, दो साल तक सुनवाई चलने के बाद सबूतों के अभाव में बलदेव सिंह को रिहा कर दिया गया। स्थिति यहां तक पहुंच गई है कि अब सिखों को अपनी पहचान छिपाने के लिए बाल कटवाने पड़ रहे हैं और पगड़ी हटानी पड़ रही है। सिख समुदाय के लिए एक और बड़ी समस्या यह है कि पेशावर में उनके लिए श्मशान की कमी है। खैबर पख्तूनवा सरकार ने श्मशान के लिए बीते साल धन आवंटित किया था लेकिन अभी तक इसका काम शुरू नहीं हुआ है।