महंगाई से जूझते कामगारों को टैक्स में राहत देगी जर्मन सरकार

Edited By DW News,Updated: 12 Aug, 2022 12:06 PM

dw news hindi

महंगाई से जूझते कामगारों को टैक्स में राहत देगी जर्मन सरकार

जर्मन सरकार ने बढ़ती महंगाई से जूझ रहे कामगारों को टैक्स में राहत देने के लिये 10 अरब यूरो की योजना का एलान किया है. एक तरफ नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है तो दूसरी तरफ खर्च बढ़ता रहा है, जर्मनी के आम लोग परेशान हैं.बुधवार को जर्मनी के वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर ने कर में राहत के योजना की घोषणा की. इसके तहत कर मुक्त आय का दायरा बढ़ाया जा रहा है. इसके साथ ही आय कर की सर्वोच्च दर यानी 42 फीसदी जहां से लागू होती है उस स्तर को भी ऊंचा किया जा रहा है. यानी अब पहले से ज्यादा कमाई करने पर यह दर लागू होगी. परिवारों को उन पर आश्रित बच्चों के नाम पर मिलने वाले कर में छूट को बढ़ाने का भी फायदा मिलेगा. कितना फायदा होगा? गणना करने से पता चल रहा है कि ऊंची कमाई करने वालों को ज्यादा फायदा होगा. सालाना 60 हजार यूरो से ज्यादा कमाई करने वाले लोगों के पास 470 यूरो ज्यादा आयेंगे जबकि 20,000 यूरो कमाने वाले लोग 115 यूरो तक बचा पायेंगे. जर्मनी में महंगाई की दर जुलाई के महीने में 7.5 फीसदी रही. जून के 7.6 फीसदी से यह बहुत मामूली रूप से ही कम है. इन सबके पीछे ऊर्जा की ऊंची कीमतें हैं जो यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद तेजी से बढ़ी हैं. लिंडनर का कहना है कि उनकी योजना के लक्ष्य में प्राथमिक रूप से वो लोग हैं जो महंगाई बढ़ने के बाद बढ़ी तनख्वाहों के कारण ऊंचे कर का बोझ उठा रहे हैं. इसके नतीजे में कामगारों को जो फायदा होना था वह ऊंचे टैक्स की भेंट चढ़ जा रहा है. लिंडनर का कहना है कि जर्मनी के करीब 4.8 करोड़ लोगों को अगर राहत नहीं दी गई तो जनवरी 2023 से उन्हें ऊंची टैक्स दरों का बोझ सहना होगा. लिंडनर ने यह भी कहा, "ऐसे वक्त में जब लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी ज्यादा महंगी हो गई है तब सरकार का फायदा उठाना उचित नहीं है और यह आर्थिक विकास के लिये भी घातक है." यह भी पढ़ेंः गैस की कमी देख अभी से लकड़ी जमा करने लगे लोग पिछली योजना से अलग टैक्स में राहत का यह उपाय जर्मनी के लोगों को इस साल की शुरुआत में चांसलर शॉल्त्स के घोषित 30 अरब यूरो के राहत पैकेज के अतिरिक्त होगा. शॉल्त्स ने महंगाई से राहत देने के लिये इस पैकेज की घोषणा की थी. इससे पहले के पैकेज में ईंधन टैक्स में कटौती और जून, जुलाई अगस्त के लिए महज9 यूरो मासिक के खर्च पर पूरे जर्मनी के लिये सार्वजनिक परिवहन मुहैया कराने की बात शामिल थी. हालांकि यह साफ है कि यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर मंडरा रहे संकट के बादल जाड़े का मौसम करीब आने के साथ और गहरे हो रहे हैं. यूक्रेन संकट ने जर्मनी के कोरोना वायरस की महामारी से उबर कर विकास के मार्ग पर चलने की उम्मीदों को भी धराशायी कर दिया. जर्मनी एक निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था है और सप्लाई चेन में आ रही दिक्कतों और कच्चे माल की समस्याओं से महामारी के दौर में उसे काफी परेशानी हुई. अब जब दिक्कतों के दूर होने का समय आया तो जंग छिड़ गई. यह भी पढ़ेंः जर्मनी की सड़कों पर ट्रैफिक जाम कम क्यों है ऊर्जा का संकट रूस ने यूक्रेन पर हमले के बाद ऊर्जा की सप्लाई में काफी कटौती की है. इसके नतीजे में जर्मनी ऊर्जा की कीमतों को दोगुना होते हुए देख रहा है खासतौर से यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद. ऊर्जा की समस्या ना सिर्फ ग्राहकों की क्रय शक्ति घटा रही है बल्कि जर्मन उद्योंगों को भी काफी नुकसान पहंचा रह है. जर्मनी के ज्यादातर उद्योग उत्पादन के लिये सस्ती ऊर्जा की सप्लाई पर निर्भर हैं. यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के कर्मचारी दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ कीमतें बढ़ गईं हैं और बड़ी कंपनियों की फैक्ट्रियों में काम बंद होने से उनकी नौकरी जाने का खतरा बढ़ता जा रहा है. ऊर्जा की बढ़ी कीमतों और सप्लाई की गारंटी नहीं होने के कारण इन फैक्ट्रियों में काम किफायती नहीं रहा ऐसे में उत्पादन चालू रखना घाटे का सौदा बन रहा है. जाहिर है कि उत्पादन नहीं होगा तो नौकरियां भी नहीं रहेंगी. जर्मनी का विकास साल की दूसरी तिमाही में थम गया है. विश्लेषकों का यह भी कहना है कि साल के दूसरे आधे हिस्से में मंदी आने की पूरी आशंका है. मार्च में अपने पिछले पूर्वानुमान में जर्मन सरकार के आर्थिक सलाहकारों ने आकलन किया था कि 2022 में जर्मनी के जीडीपी विकास की दर 1.8 फीसदी रहेगी. एनआर/ओएसजे (एएफपी, डीपीए)

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे DW फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!