लागोस के गॉडफादर ने जीता नाइजीरिया का राष्ट्रपति चुनाव

Edited By DW News,Updated: 01 Mar, 2023 05:21 PM

dw news hindi

लागोस के गॉडफादर ने जीता नाइजीरिया का राष्ट्रपति चुनाव

अफ्रीकी महाद्वीप में सबसे ज्यादा आबादी वाले देश नाइजीरिया ने अपना नया राष्ट्रपति चुन लिया है. पर्दे के पीछे से देश की राजनीति चलाने वाले बोला टिनुबू अब राष्ट्रपति के तौर पर कई समस्याओं का सामना करेंगे.71 साल के बोला टिनुबू को अफ्रीका के सबसे बड़े शहर लागोस का गॉडफादर भी कहा जाता है. नाइजीरिया की राजधानी भले ही अबूजा हो, लेकिन देश, वित्तीय राजधानी लागोस के पैसे ही चलता है और इस रकम का बड़ा हिस्सा टिनुबू के इशारों पर घूमता रहा है. 2023 में नाइजीरिया में पहली बार सेना की छाया से आजाद होकर नए राष्ट्रपति के चुनाव हुए. फरवरी के आखिर में हुए इन चुनावों में सत्ताधारी पार्टी, ऑल प्रोग्रेसिव कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार टिनुबू की जीत हुई. टिनुबू को 87.9 लाख वोट मिले. दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे उम्मीदवारों के खाते में 69.8 और 61 लाख वोट आए. नाइजीरिया के राष्ट्रपति चुनावों में सबसे ज्यादा वोट और कुल 36 में से 24 राज्यों व राजधानी अबूजा में 25 फीसदी वोट पाने वाला उम्मीदवार विजेता घोषित किया जाता है. टिनुबू ने इसमें सफलता पाई. चुनावी नतीजों के एलान के बाद राजधानी अबूजा में टिनुबू ने कहा, "मैं बहुत ही खुश हूं कि मुझे फेडरल रिपब्लिक ऑफ नाइजीरिया का राष्ट्रपति चुना गया है. यह एक जबरदस्त जनादेश है. मैं तहेदिल से इसे स्वीकार करता हूं." नाइजीरिया में राष्ट्रपति चुनाव में सुरक्षा और महंगाई बना सबसे बड़ा मुद्दा पर्यवेक्षकों के मुताबिक, यह नाइजीरिया में अब तक हुए सबसे निष्पक्ष चुनाव हैं. हालांकि वोटिंग के दौरान कुछ जगहों पर नई तकनीक के कारण समस्याएं भी आईं. देश के इंडिपेंडेंट नेशनल इलेक्टोरल कमीशन (आईएनईसी) ने चुनाव से पहले हर पोलिंग यूनिट के नतीजे रियल टाइम में वेबसाट पर अपलोड करने का वादा किया था. लेकिन ज्यादातर यूनिटें ऐसा नहीं कर सकीं. परिणाम आने के बाद भी हजारों पोलिंग यूनिटों के रिजल्ट ऑनलाइन नहीं हो सके. इन तकनीकी खामियों के चलते मुख्य विपक्षी पार्टियों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए नतीजों को खारिज किया है. टिनुबू के सामने चुनौतियां नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के समर्थक रहे टिनुबू अब पर्दे के पीछे की राजनीति से बाहर निकल चुके हैं. नए राष्ट्रपति के सामने चुनौतियों की लंबी लिस्ट है. इनमें पूर्वोत्तर नाइजीरिया में इस्लामिक उग्रवाद, हत्याएं और सामूहिक अपहरण जैसी मुश्किलें भी हैं और ऊर्जा संकट और अथाह भ्रष्टाचार जैसी चुनौतियां भी. इस्लामिक चरमपंथियों की बढ़ती ताकत एक अलग सिरदर्द है. अप्रैल 2014 में पूर्वोत्तर नाइजीरिया के बोर्नो प्रांत में इस्लामिक आतंकी संगठन बोको हराम ने चिबॉक के स्कूल से 276 छात्राओं का अपहरण कर लिया. अगवा की गई छात्राओं में ज्यादातर ईसाई थीं. इनमें से कई लड़कियां आज भी घर नहीं लौटी हैं. मानवाधिकारों का मुद्दा उठाने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक 2015 में भी बोको हराम ने करीब 2000 महिलाओं को अगवा किया. इनमें से ज्यादातर को आतंकियों ने सेक्स स्लेव बनाया. देश में आज भी हर साल सैकड़ों महिलाओं का अपहरण होता है. संसाधनों से समृद्ध होने के बावजूद बर्बादी जलवायु परिवर्तन के चलते पशु पालकों और किसानों में हो रहा संघर्ष, कचरे की समस्या, मिट्टी की खराब होती क्वालिटी और जंगलों की कटाई भी नाइजीरिया के लिए बड़ी परेशानी हैं. 2005 में देश दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से जंगल साफ करने के लिए बदनाम हो चुका है. 2010 में सोने की प्रोसेसिंग में इस्तेमाल होने वाले पारे की वजह से जामफारा राज्य में सैकड़ों बच्चों की मौत भी हुई. पश्चिमी अफ्रीका में अटलांटिक महासागर के तट पर बसा नाइजीरिया आबादी के लिहाज से दुनिया का छठा बड़ा देश है. 22.5 करोड़ की आबादी वाले नाइजीरिया के पास दुनिया का 10वां बड़ा पेट्रोलियम भंडार है. आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा खपत के लिहाज से नाइजीरिया का तेल भंडार 237 साल तक लगातार काम आ सकता है. लेकिन आईएमएफ की 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 32 फीसदी नाइजीरियाई नागरिक अति गरीबी का शिकार हैं. ‘अच्छे दिन’ का वादा करके सत्ता में आए राष्ट्रपति बुहारी ने नाइजीरिया के लिए क्या किया लेकिन मुश्किल राजनीतिक स्थिरता बनाए रखने की है. एक जनवरी 1960 को ब्रिटेन से आजाद होने वाले नाइजीरिया का अब तक का इतिहास गृह युद्धों और सैन्य शासन से भरा रहा है. देश में 1960 से 1998 तक गृहयुद्ध और सैन्य तख्तापलट ही होते रहे हैं. ओएसजे/सीके (एएफपी, एपी)

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे DW फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!