Edited By Tanuja,Updated: 30 Sep, 2018 06:23 PM
मिस्र की इजीप्टियन कमीशन फॉर राइट्स और फ्रीडम की निर्देशक अमल फैथी को फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने पर जेल जाना पड़ गया गया । मई के शुरू में अमल फैथी ने फेसबुक पर एक वीडियो पेस्ट किया था जिसमें उसने कहा कि बैंक में उसके साथ यौन शोषण हुआ है।
रोमः मिस्र की इजीप्टियन कमीशन फॉर राइट्स और फ्रीडम की निर्देशक अमल फैथी को फेसबुक पर वीडियो पोस्ट करने पर जेल जाना पड़ गया गया । मई के शुरू में अमल फैथी ने फेसबुक पर एक वीडियो पेस्ट किया था जिसमें उसने कहा कि बैंक में उसके साथ यौन शोषण हुआ है। उसने वीडियो में कहा कि मिस्र में रहना काफी मुश्किल हो गया है और यौन उत्पीड़न के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उसने दावा करते हुए कहा कि सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं किए हैं।
फैथी का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और मीडिया के भी हाथ लग गया। इसके बाद 12 मिनट के वीडियो ने मिस्र के अधिकारियों का ध्यान खींचा और गलत न्यूज फैलाने के आरोप में फैथी को दो साल जेल की सजा हो गई। बता दें इससे पहले भी वह 140 दिन जेल में गुजार चुकी है। उसपर आरोप लगा था कि वह आतंकी संगठन से जुड़ी हुई है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह 6 अप्रैल यूथ मूनमेंट की सदस्य रह चुकी थी। कार्यकर्ताओं के इस समूह पर अब प्रतिबंध लग चुका है। शनिवार को मिस्र की एक अदालत ने उसे 2 साल की सजा सुनाई। साथ ही उसपर 560 डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है। उसे मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गलत खबर फैलाने के आरोप में सजा सुनाई गई है।
इस मामले पर फैथी के पति मोहम्मद लेत्फी का कहना है कि यह अन्याय, अनुचित और समझ से बाहर है। उसने कहा कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि खबर गलत नहीं है। उसने कहा कि जब एक महिला के साथ यौन शोषण होता है और उसे न्याय दिलाने के बावजूद उसे जेल की सजा मिलती है और जुर्माना लगता है। इसका मतलब यही है कि मिस्र में अब सभी महिलाओं को अपना मुंह बंद करके रहना पड़ेगा।
फैथी के पति अधिकार कार्यकर्ता हैं और इजीप्टियन कमीशन फॉर राइट्स और फ्रीडम के निर्देशक भी हैं। लेत्फी का कहना है कि फिलहाल फेसबुक वीडियो केस में फैथी को बेल मिल गई है लेकिन उसे बाकी केसों में भी फंसाया जा रहा है। मिस्र में यौन शोषण के मामले लगाता बढ़ते जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र का 2013 का अध्ययन बताता है कि 99 फीसदी मिस्र की महिलाओं का कहना है कि उन्हें यौन शोषण का सामना करना पड़ा है। जिसके बाद मिस्र में इंटरनेट इस्तेमाल करने से संबंधित कानूनों को कड़ा किया गया। जिसके तहत सोशल मीडिया पर निगरानी रखी जाती है।