Edited By Ashish panwar,Updated: 28 Jan, 2020 07:31 PM
यूरोपियन यूनियन से अलग होने के क्रम में ब्रिटेन सरकार ने सोमवार को भारत सहित दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और गणितज्ञों को आकर्षित करने के लिए ‘असीमित संख्या में’ त्वरित गति से वीजा देने के प्रस्ताव (फास्टट्रैक वीजा) की घोषणा की।इस...
इंटरनेशनल डेस्कः यूरोपियन यूनियन से अलग होने के क्रम में ब्रिटेन सरकार ने सोमवार को भारत सहित दुनिया भर के शीर्ष वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और गणितज्ञों को आकर्षित करने के लिए ‘असीमित संख्या में’ त्वरित गति से वीजा देने के प्रस्ताव (फास्टट्रैक वीजा) की घोषणा की।इस ‘ग्लोबल टैलेंट वीजा’ योजना के अगले महीने से लागू होने की उम्मीद है। इसके तहत विश्वभर में ब्रिटेन आने वाले योग्य लोगों की संख्या की कोई सीमा तय नहीं होगी। यह वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को यहां बसाने के लिए एक त्वरित मार्ग प्रदान करेगा।
वीजा परिवर्तन के लिए आव्रजन नियम इस गुरुवार को निर्धारित किए जाएंगे और 20 फरवरी को लागू होंगे। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने संकल्प लिया था कि ब्रिटेन वैज्ञानिकों को आकर्षित करने वाली जगह बनेगा जिसके बाद यह घोषणा की गई है। इस योजना से सरकारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में खाली पड़े पदों को भरने के लिए डॉक्टरों व नर्सों को तत्काल वीजा दिए जाने का प्रस्ताव है। इसका लाभ भारतीय डॉक्टरों-नर्सों को सबसे ज्यादा होने की संभावना जताई जा रही है, जहां हर साल मेडिकल कॉलेजों से बड़ी संख्या में डॉक्टर और नर्स उत्तीर्ण होकर निकलते हैं।
सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक, एनएचएस पीपुल प्लान के तहत पूरे विश्व से क्वालिफाई डॉक्टरों, नर्सों और हेल्थ प्रोफेशनलों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा में नौकरी का प्रस्ताव दिया जाएगा। इन सभी को ब्रिटेन आने के लिए फास्टट्रैक एंट्री, न्यूनतम वीजा शुल्क और समर्पित सहयोग की भी सुविधा दी जाएगी।