Edited By Tanuja,Updated: 06 Jun, 2018 03:57 PM
यूरोपीय स्पेस मिशन के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह (लाल ग्रह)पर जीवन की संभावना को तलाशने के लिए द ट्रेस गैस ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर उतारा है...
वॉशिंगटनः यूरोपीय स्पेस मिशन के वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह (लाल ग्रह)पर जीवन की संभावना को तलाशने के लिए द ट्रेस गैस ऑर्बिटर स्पेसक्राफ्ट 400 किलोमीटर की ऊंचाई पर उतारा है। वैज्ञानिकों के इस खास मिशन पर निकलने का कारण मंगल ग्रह पर कुछ इलाक़ों में मीथेन गैस और पानी काफ़ी मात्रा मिलना भी बताया जा रहा है।
2014 में नासा को मंगल ग्रह के वायुमंडल में मीथेन गैस के होने का प्रमाण मिला था। वैज्ञानिकों का मानना है कि मिथेन गैस के मौजूदगी का कारण जैविक और भूगर्भीय गतिविधि भी हो सकता है। मंगल ग्रह पर कुछ इलाक़ों में मीथेन गैस और पानी काफ़ी मात्रा में मिलने से इसे जीवन का संकेत माना जा सकता है। पानी को जीवन के लिए बहुत आवश्यक तत्व माना जाता है और मीथेन गैस भी जैविक क्रियाओं से बनती है।