हर साल प्लास्टिक के हजारों सूक्ष्म टुकड़े जा रहे हैं मानव शरीर के अंदर

Edited By shukdev,Updated: 05 Jun, 2019 08:09 PM

every year thousands of micro pieces of plastic are going inside the human body

एक नए विश्लेषण के अनुसार हर साल भोजन और सांस के जरिए हजारों माइक्रोप्लास्टिक कण मानव शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट के साथ ही यह सवाल फिर पैदा हो गया है कि किस प्रकार प्लास्टिक के कचरे का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव...

पेरिस: एक नए विश्लेषण के अनुसार हर साल भोजन और सांस के जरिए हजारों माइक्रोप्लास्टिक कण मानव शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। बुधवार को जारी इस रिपोर्ट के साथ ही यह सवाल फिर पैदा हो गया है कि किस प्रकार प्लास्टिक के कचरे का हमारे स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के महीन कण होते हैं जो मानव निर्मित उत्पादों जैसे सिंथेटिक कपड़ों, टायरों और कॉन्टैक्ट लेंस आदि से टूट कर बनते हैं। 

माइक्रोप्लास्टिक पृथ्वी पर हर जगह मिलने वाली सामग्रियों में से एक है। वे दुनिया के सबसे ऊंचे कुछ ग्लेशियरों और सबसे गहरी समुद्री खाइयों की सतह पर भी पाए जाते हैं। पिछले कई अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि कैसे माइक्रोप्लास्टिक मानव की खाद्य श्रृंखला में शामिल हो सकता है। पिछले साल सामने आए एक अध्ययन के अनुसार लगभग सभी प्रमुख बोतलबंद पानी ब्रांडों के नमूनों में भी यह मिला था। 

इस शोध में कनाडाई वैज्ञानिकों ने माइक्रोप्लास्टिक संदूषण पर सैकड़ों आंकड़ों का विश्लेषण किया और उनकी तुलना अमेरिकी लोगों के आहार और उपभोग की आदतों से की। उन्होंने पाया कि हर साल एक वयस्क पुरुष 52,000 माइक्रोप्लास्टिक कणों को निगल सकता है। जिस प्रदूषण में हम सांस लेते हैं उसके मद्देनजर यह आंकड़ा बढ़कर 1,21,000 कणों तक पहुंच गया है। यह अध्ययन ऐसे दिन सामने आया है जब संयुक्त राष्ट्र का विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है। इस साल इसका विषय वायु प्रदूषण रखा गया है। 

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