दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में पहली बार संसद में मनाया गया प्रकाशोत्सव

Edited By Pardeep,Updated: 18 Nov, 2021 11:05 PM

festival of lights celebrated in parliament for first time in south australia

गुरु नानक देव का 552वां प्रकाशोत्सव पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में भी उत्सव की धूम है। इसी कड़ी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की राजधानी एडिलेड में कई कार्यक्रम

एडिलेडः गुरु नानक देव का 552वां प्रकाशोत्सव पूरी दुनिया में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया में भी उत्सव की धूम है। इसी कड़ी में दक्षिण ऑस्ट्रेलिया की राजधानी एडिलेड में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। यहां बहुसंख्यक सिखों सहित भारतीयों ने गुरुपर्व मनाने के लिए पूरी तैयारियां की हैं। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के इतिहास में पहली बार (क्षेत्र के हिसाब से ऑस्ट्रेलिया के राज्यों और क्षेत्रों में चौथा सबसे बड़ा और जनसंख्या के हिसाब से पांचवां सबसे बड़ा राज्य) श्री गुरु ग्रंथ साहिब का प्रकाशोत्सव संसद भवन के अंदर हुआ। यह सभी के लिए गर्व का पल है कि पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन के बालकनी कक्ष में सजाया गया है। 
PunjabKesari
विधान परिषद और ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के सदस्य रसेल वोर्टली ने इसका आयोजन किया है। रसेल वोर्टली ने कहा कि मैंने कई त्यौहारों, कार्यक्रमों, गुरुद्वारा और शादियों में भाग लिया है, मुझे लगता है कि मेरा सिखों के साथ गहरा संबंध है। ये बहादुर, योद्धा और उद्धारकर्ता होते हैं। वोर्टली ने उस सभा को संबोधित किया, जिसमें भारतीय समुदाय के गण्यमान्य लोगों के साथ-साथ दक्षिण ऑस्ट्रेलियाई राजनेता भी थे। वोर्टली अपनी पत्नी और संसद सदस्य डाना वोर्टली के साथ इस कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे। 

वोर्टली ने कहा कि दुनिया भर में कोरोना महामारी के कारण उत्सव नहीं मनाए गए पर यह कार्यक्रम एक उम्मीद जगाने वाला है, जिसने सभी को एक बार फिर से साथ ला दिया है। वोर्टली ने कहा कि गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं 'अपनी प्रार्थना करो और अपना भोजन साझा करो ने मुझे बहुत प्रभावित किया है। मैं आप सभी को गुरुद्वारों में खाना बनाते और बांटते हुए देखा है..जो उनकी शिक्षा ही है। उन्होंने कहा कि आपने संकट के समय ऑस्ट्रेलिया में जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराया, जो सराहनीय है। इस अवसर पर साऊथ ऑस्ट्रेलियन हाऊस ऑफ असैंबली के स्पीकर डैन क्रेगन, एडिलेड के फैडरल मैंबर स्टीव जॉर्जनास और विपक्ष के नेता और ऑस्ट्रेलियाई लेबर पार्टी के सदस्य पीटर मालिनौस्कस भी मौजूद थे। 

पंज प्यारे संसद भवन के बाहर से श्री गुरु ग्रंथ साहिब को अंदर तक लाए। प्रकाशोत्सव को लेकर भारतीय समुदाय के लोगों ने कीर्तन और प्रार्थना की, जिसका उद्देश्य श्री गुरु नानक देव जी के मानवता की एकता और सभी के लिए समानता के संदेश को फैलाना था। सामुदायिक संपर्क अधिकारी मोनिका कुमार ने कहा कि कोविड का समय न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि दुनिया भर में सभी के लिए कठिन वर्ष रहा है। ऐसे में श्री गुरु नानक देव जी की जयंती का यह उत्सव सभी के लिए अद्वितीय है। अपने ऊपर विश्वास बनाए रखना और सभी की भलाई के लिए प्रार्थना करना ही इस पर्व का संदेश है।

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!