Edited By Tanuja,Updated: 25 Apr, 2018 01:26 PM
प्राकृतिक आपदाएं हमेशा बड़ी तबाही लेकर आती हैं। कई बार जान और माल का नुकसान इतना ज्यादा हो जाता है कि जिसकी भरपाई दशकों तक भी नहीं हो पाती। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, तूफान, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन आदि आने पर बड़ी संख्या में लोग बेघर हो जाते हैं...
वारसाः प्राकृतिक आपदाएं हमेशा बड़ी तबाही लेकर आती हैं। कई बार जान और माल का नुकसान इतना ज्यादा हो जाता है कि जिसकी भरपाई दशकों तक भी नहीं हो पाती। प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकम्प, तूफान, बाढ़, सुनामी, भूस्खलन आदि आने पर बड़ी संख्या में लोग बेघर हो जाते हैं। प्रशासन के सामने सबसे बड़ा सवाल इनके तुरंत पुनर्वास का होता है। ऐसे में किसी ऐसे विकल्प की कल्पना कीजिए जिसे मोड़कर एक जगह से दूसरी जगह रखा जा सके और इसमें काफी संख्या में लोग शरण पा सकें।
पोलैंड के एक समूह ने एक ऐसा स्काईस्क्रेपर बनाने का दावा किया है, जिसे मोड़ने के साथ ही आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्थापित भी किया जा सकता है। इसमें हीलियम के गुब्बारे का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से इसे मोड़ा जा सकता है। खास बात यह है कि इसे एक बॉक्स में पैक हेलिकॉप्टर की मदद से एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। जापान की कागज को मोड़कर कई तरह की चीजें बनाने की कला की तर्ज पर आधारित यह स्काईस्क्रेपर सैकड़ों को लोगों को तत्काल छत मुहैया करा सकता है।
इसे पोलैंड के तीन आर्किटेक्ट दामियान ग्रैनोसिक, जेकुब कुलिसा और पोत्र पैनजिक के समूह ने डिजाइन किया है, जिसे स्काईशेल्टर.जिप नाम दिया है। इस डिजाइन को हाल ही में इवोलो स्काईस्क्रेपर कंटीशन में 525 आर्किटेक्ट के डिजाइन के बीच पहला स्थान मिला। इस स्काईस्क्रेपर को स्थापित करने के लिए प्राकृतिक आपदा में आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले टैंट या कंटेनर 30 गुना कम जगह चाहिए होती है।
इसमें हल्की और 3-डी तकनीक से प्रिंट की गई स्लैब का इस्तेमाल किया गया है। यह स्लैब चारों ओर लगी हीलियम के गुब्बारे की दीवार के हवा भरने के साथ ही ऊपर उठने लगती है। इस स्काईस्क्रेपर की एक और खास बात यह है कि इसकी मंजिलों और कमरों की संख्या को जरूरत के हिसाब से घटाया या बढ़ाया जा सकता है।