Edited By Tanuja,Updated: 19 Apr, 2022 04:46 PM
श्रीलंका के एक्सपर्ट देश के आर्थिक संकट के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। श्रीलंका के भू-राजनीतिक विश्लेषक असंगा अबेयागोनेस्करा का कहना...
कोलंबो: श्रीलंका के एक्सपर्ट देश के आर्थिक संकट के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। श्रीलंका के भू-राजनीतिक विश्लेषक असंगा अबेयागोनेस्करा का कहना है कि चीन ने श्रीलंका को किस ब्याज दर पर पैसा उधार दिया है, ये कोई नहीं जानता है । श्रीलंका के मौजूदा संकट पर चर्चा के दौरान उन्होंने कहा देश की बदहाली के लिए केवल चीन उन कारणों में से एक है जिस पर चिंतन-मनन करना जरूरी है।
असंगा के मुताबिक, चीन ने श्रीलंका को ऋण भुगतान के समाधान के लिए एक बिलियन डालर का कर्ज दिया है। उनके मुताबिक, उन्होंने पहली बार इस तरह के माडल के बारे में सुना है कि जब अपने ही ऋण भुगतान के समाधान के लिए दोबारा कर्ज दिया गया है। हालांकि, ये किस दर पर दिया गया है इस बारे में कोई नहीं जानता है। असंगा ने कहा कि देश के मौजूदा हालातों के पीछे काफी कुछ इन सभी का हाथ है। असंगा ने कहा कि भारत पहला ऐसा देश था जिसने इस मुश्किल घड़ी में श्रीलंका का सहयोग किया और वित्तीय मदद के तौर पर ढाई बिलियन डालर की राशि दी।
उन्होंने चीन के कर्ज जाल पर प्रकश डालते हुए कहा कि श्रीलंका चीन के साथ करीबी संबंध बनाए रखने के चक्कर में इसमें उलझ गया है। उनकी निगाह में इसके तीन रणनीति कारण हैं। इनमें से पहला है- राजपक्षे की राजनीतिक पार्टी श्रीलंका पोडजुना पेरामुना पार्टी को मिला चीन का समर्थन। चीन ने इस माडल पर आगे बढ़ने के के लिए उनको अपना पूरा समर्थन दिया। विश्लेषकों के अनुसार दूसरा पहलू मानवाधिकार से जुड़ा है। श्रीलंका इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। चीन मानवाधिकार काउंसिल में श्रीलंका का समर्थन किया था जब उसको वार क्राइम की संज्ञा दी गई थी। इसी तरह से चीन को श्रीलंका ने इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया था।
बता दें कि मौजूदा हालातों के कारण हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने सोमवार को कैबिनेट के 17 सदस्यों को नियुक्त किया है।गौरतलब है कि मौजूदा समय श्रीलंका की स्थिति काफी खराब है। लोग बेहद मुश्किल हालात में जीवन यापन कर रहे हैं। इस लोग श्रीलंका की पूर्व की विदेश नीति के बेहद खिलाफ हैं।