जर्मनी में 16 साल बाद बदलेगी रूढ़िवादी सत्ता ! जोड़-तोड़ से बनेगी नई सरकार, जानें चुनाव की खास बातें

Edited By Tanuja,Updated: 27 Sep, 2021 11:37 AM

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जर्मनी के आम चुनाव में मध्यमार्गी वामपंथी सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने सर्वाधिक मत हासिल किए हैं और बेहद करीबी मुकाबले में निर्वतमान चांसलर एंजेला ...

बर्लिनः जर्मनी के आम चुनाव में मध्यमार्गी वामपंथी सोशल डेमोक्रेट पार्टी ने सर्वाधिक मत हासिल किए हैं और बेहद करीबी मुकाबले में निर्वतमान चांसलर एंजेला मर्केल की मध्यमार्गी दक्षिणपंथी पार्टी यूनियन ब्लॉक को हरा दिया। नई संसद के लिए हुए मतदान के आए अनुमानित परिणामों में सोशल डेमोक्रेटिक सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।  मर्केल की जगह लेने के लिए 3 नेता रेस में हैं । नतीजों के अनुसार यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को नयी सरकार के गठन में काफी जोड़ तोड़ करना होगा ।

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निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि सोमवार सुबह सभी 299 सीटों की मतगणना में सोशल डेमोक्रेट ने 25.9 प्रतिशत वोट प्राप्त किए जबकि यूनियन ब्लॉक को 24.1 प्रतिशत वोट मिले। पर्यावरणविदों की ग्रीन्स पार्टी 14.8 प्रतिशत वोट के साथ तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इसके बाद कारोबार सुगमता की पक्षधर फ्री डेमोक्रेट्स को 11.5 प्रतिशत वोट मिले। दोनों दल पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं कि वे नयी सरकार के गठन में सहयोग कर सकते हैं। मतगणना में धुर दक्षिणपंथी अल्टर्नेटिव फॉर जर्मनी 10.3 प्रतिशत वोट के साथ चौथे स्थान पर रही जबकि वाम दल को 4.9 प्रतिशत वोट मिले।

 

चार बार चांसलर रह चुकी हैं मार्केल
बीते 16 वर्ष से  मार्केल जर्मनी में सत्ता के शीर्ष पर काबिज हैं। वे चार बार चांसलर चुनी गईं। 2018 में उन्होंने घोषणा की थी कि वे पांचवीं बार इस पद के लिए मैदान में नहीं उतरेंगी। इस लिहाज से जर्मनी के लोगों ने रविवार को हुए मतदान के जरिये मार्केल के उत्तराधिकारी को चुनने की प्रक्रिया का आगाज किया। इस चुनाव में एंगेला मार्केल की पार्टी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) की तरफ से आर्मिन लाशेत मैदान में हैं। वहीं, मार्केल सरकार के वित्त मंत्री व वाइस-चांसलर सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ओलाफ शोल्ज मुख्य विपक्षी के तौर पर मैदान में हैं।

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आसान नहीं नए उत्तराधिकारी की राह
मार्केल के उत्तराधिकारी को कोरोना से उबरने को लिए गए कर्ज के से निपटना होगा। इसके लिए कर बढ़ाना उपाय है। लाशेत कहते हैं कि महामारी के दौर से उबर रहे देश में कर बढ़ाए जाने की बात नहीं की जा सकती। दूसरी तरफ शोल्ज व बेयरबॉक अमीरों पर कर बढ़ाने की पैरवी कर रहे हैं।

 

जलवायु परिवर्तन व विदेश नीति है चुनौती
दलों में जलवायु परिवर्तन को लेकर मतभेद हैं। लाशेत जहां इसके लिए तकनीक व बाजार आधारित उपायों में यकीन रखते हैं, वहीं ग्रीन पार्टी कार्बन उत्सर्जन पर भारी कर लगाने की समर्थक है।

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चुनाव की खास बातें

  • अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1949 के बाद यह पहली बार है जब डैनिश अल्पसंख्यक पार्टी एसएसडब्ल्यू संसद में एक सीट जीत पाई है।
  • नए चांसलर के शपथ लेने तक मर्केल कार्यवाहक चांसलर की भूमिका में रहेंगी।
  •  मार्केल की पार्टी 2005 के बाद पहली बार सरकार का नेतृत्व करने की स्थिति में नहीं हैं। एंजेला मार्केल की 16 साल के रूढ़िवादी नेतृत्व वाला शासन समाप्त होने की कगार पर है।
  •  परिणामों में सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक (एसपीडी) 25.5 फीसदी वोट के साथ सबसे आगे हैं।
  • इसके बाद मार्केल के सीडीयू/सीएसयू कंजरवेटिव गठबंधन को 24.5 फीसदी वोट मिले हैं।
  •  माना जा रहा है कि एक नई सरकार के सत्ता में आने के लिए गठबंधन को लेकर बातचीत होगी।
  • इसमें ग्रीन्स और लिबरल फ्री डेमोक्रेटिक (एफडीपी) के शामिल होने की संभावना है। 

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