चीन ने दुनिया को फिर संकट में डालाः लॉकडाउन से शंघाई समेत कई शहरों में फैक्ट्रियां बंद, ग्लोबल सप्लाई चेन प्रभावित

Edited By Tanuja,Updated: 05 May, 2022 11:14 AM

global supply chain woes likely to worsen on chinese lockdowns

चीन में कोरोना महामारी की नई लहर के चलते बुरा हाल है। जीरो-कोविड पॉलिसी के चलते इस देश के कई बड़े शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके...

बीजिंगः चीन में कोरोना महामारी की नई लहर के चलते बुरा हाल है। जीरो-कोविड पॉलिसी के चलते इस देश के कई बड़े शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो गई है। चीन के बेहद सख्त लॉकडाउन  से अप्रैल में चीन में मंदी का प्रकोप और तेज हो गया है। इसके असर से शंघाई  समेत कई शहरों में फैक्ट्रियों में उत्पादन ठप्प होने के साथ ही डिमांड भी लुढ़क गई है। अब चीन के इन प्रतिबंधों के असर से ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ने का डर है, जिससे मंदी का दायरा बढ़कर दुनियाभर में पहुंच सकता है।  

 

कोरोना के चलते चीन में लगाए गए सख्त लॉकडाउन से दुनियाभर में मंदी की आहट तेज हो रही है। दरअसल, चीन के कई बड़े शहरों में प्रतिबंधों की वजह से सामान्य जनजीवन के साथ ही आर्थिक गतिविधियों पर भी तगड़ा ब्रेक लगा है। इससे दुनिया की इस दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की हालत पतली हो गई है। लॉकडाउन के चलते चीन में आर्थिक गतिविधियां अप्रैल महीने में तेजी से गिरी हैं। चीन में शंघाई सहित कई बड़े शहरों में कोरोना वायरस का संक्रमण काफी अधिक फैला हुआ है। इसके चलते यहां फैक्ट्रियां बंद हैं और सड़कें सूनी पड़ी हुई हैं। लॉकडाउन के कारण मांग काफी अधिक गिर गई है, इससे वैश्विक सप्लाई चेन  के प्रभावित होने की आशंका काफी बढ़ गई है।

 

कड़े प्रतिबंधों के चलते चीन में अप्रैल महीने में मंदी काफी बढ़ गई। फैक्ट्री आउटपुट और अधिक गिर गया व मांग अनुमान से भी कम रही।  PMI  अप्रैल महीने का पहला ऐसा आधिकारिक डेटा है, जो कोरोना वायरस महामारी और सरकार की जीरो-कोविड पॉलिसी के चलते अर्थव्यवस्था को हुए व्यापक नुकसान को दर्शा रहा है। फैक्ट्री एक्टिविटी दो से अधिक साल के न्यूनतम स्तर पर आ गई है। आधिकारिक मैन्युफैक्चरिंग  मार्च के 49.5 से गिरकर 47.4 पर आ गई है। शनिवार को राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। 

 

निर्माण और सेवा क्षेत्रों में एक्टिविटीज को मापने वाला गैर-विनिर्माण गेज मार्च के 48.4 से गिरकर 41.9 पर आ गया है। यह फरवरी 2020 के बाद का न्यूनतम स्तर है। यहां बता दें कि 50 से ऊपर की रीडिंग विस्तार को दर्शाती है। वहीं, 50 से कम की रीडिंग संकुचन या सिकुड़न को दर्शाती है। सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि विनिर्माण गतिविधियों में गिरावट उत्पादन और मांग दोनों में तेज गिरावट के कारण हुई है। कोरोना के हालिया प्रकोप से देश भर की कई जगहें प्रभावित हैं। इसके चलते कई उद्योग उत्पादन कम करने या यहां तक कि बंद करने के लिए मजबूर हो गए हैं।


 
 

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