Edited By Tanuja,Updated: 29 Mar, 2021 11:54 AM
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को कहा कि उनके देश के खिलाफ UNHRC में हाल में पारित प्रस्ताव के पीछे
कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने रविवार को कहा कि उनके देश के खिलाफ UNHRC में हाल में पारित प्रस्ताव के पीछे स्थानीय और विदेशी ताकतें हैं।
उन्होंने हालांकि कहा कि उनकी सरकार ऐसे दबावों के आगे नहीं झुकेगी। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने मंगलवार को श्रीलंका के मानवाधिकार रिकॉर्ड के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया था जिसने संयुक्त राष्ट्र संस्था को लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (लिट्टे) के खिलाफ देश के तीन दशक लंबे चले गृहयुद्ध के दौरान किए गए अपराधों के सबूत इकट्ठा करने का एक आदेश दिया है।
रविवार को दक्षिणी मटारा ग्रामीण जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए राजपक्षे ने कहा, ‘‘हम (ऐसे) दबावों (यूएनएचआरसी प्रस्ताव) के आगे कभी नहीं झुकेंगे, हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं। हम हिंद महासागर में बड़ी शक्ति प्रतिद्वंद्विता के शिकार नहीं होंगे।'' राष्ट्रपति ने कहा कि UNHRC के प्रस्ताव के पीछे ‘‘विदेशी और स्थानीय ताकतें'' हैं जो उनकी सरकार को प्रगति करते हुए नहीं देख सकतीं।