Edited By Yaspal,Updated: 14 Apr, 2019 01:25 AM
जीएसपी व्यापार में तरजीह देने वाली अमेरिका की सबसे व्यापक और पुरानी योजना है।अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सरकार ने सामान्य तरजीही व्यवस्था(जीएसपी) के तहत भारत को मिल रहे लाभों...
वॉशिंगटन: जीएसपी व्यापार में तरजीह देने वाली अमेरिका की सबसे व्यापक और पुरानी योजना है।अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की सरकार ने सामान्य तरजीही व्यवस्था(जीएसपी) के तहत भारत को मिल रहे लाभों को खत्म करने के फैसले को टालने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि यदि अमेरिका 5.6 अरब डॉलर के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को खत्म करता है। तो अमेरिकी ग्राहकों के लिए महंगा साबित होगा।
भारतीय अधिकारियों ने भी जवाबी शुल्क लगाने की बात कही है। इस कार्यक्रम के तहत आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए लाभार्थी देश के हजारों उत्पादों को शुल्क से छूट दी जाती है। अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भारत के लिए जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज खत्म करने की योजना को आगे बढ़ाते हैं। तो मई में भारत से दर्जा छीना जा सकता है। 1976 से ही भारत दुनिया में जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है। लेकिन डॉनल्ड ट्रंप भारत पर अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैक्स लगाने को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
अमेरिकी उपभोक्ताओं लिए होगा महंगा
अमेरिका की राजनीतिक पार्टी रिपब्लिकन पार्टी के सेनेटर जॉन कॉरनिन और डेमोक्रेटिक पार्टी के मार्क वार्नर ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) रॉबर्ट लिथिजेर को पत्र लिखकर कहा है कि हम इस बात से सहमत हैं कि बाजार को लेकर कई मुद्दों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात को लेकर भी चिंता जाहिर की है कि ड्यूटी छूट से भारतीय उत्पादों का अमेरिका में निर्यात महंगा हो जाएगा। इसका असर अमेरिकी उपभोक्ताओं पर होगा।
चुनाव दौर कारण अटका फैसला
अमेरिकी सेनेटरों का कहना है कि चुनावी मौसम में हमारे भारतीय समकक्षों के लिए इतने महत्वपूर्ण राजनीतिक निर्णय के बारे में कुछ तय करना और कोई समझौता करना आसान नहीं होगा। क्योंकि भारत अमेरिका के रिश्ते बहुत महत्वपूर्ण हैं। इसके कारण चुनावी समय में इतना महत्वपूर्ण निर्णय करना जल्दबाजी होगी।
पिछले साल अप्रैल में यूएसटीआर ने घोषणा की थी कि उसकी भारत सहित कई देशों की जीएसपी पात्रता की समीक्षा करने की योजना है। उल्लेखनीय है कि चार मार्च 2019 को यूएसटीआर ने कांग्रेस को बताया था कि नियमों का अनुपालन नहीं करने की वजह से वह भारत के जीएसपी दर्जे को खत्म करने का इरादा रखता है।