भारतीय सिख को मिली पाक गुरूद्वारा में तस्वीरें प्रदर्शित करने की अनुमति

Edited By ,Updated: 19 Sep, 2016 06:14 PM

gurdwara in pakistan to display indian sikh work

पहली बार पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक भारतीय सिख को भारत एवं पाकिस्तान के गुरूद्वारों के पवित्र पेड़ की तस्वीरें गुरूद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब...

लाहौर: पहली बार पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक भारतीय सिख को भारत एवं पाकिस्तान के गुरूद्वारों के पवित्र पेड़ की तस्वीरें गुरूद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब में स्थाई रूप से प्रदर्शित करने की इजाजत दी है । ईटीपीबी प्रवक्ता आमिर हाशमी ने बताया, ‘‘पूर्व नौकरशाह एवं लेखक डीएस जसपाल के अनुरोध पर एवेक्यू ट्रस्ट प्रापर्टी बोर्ड (पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखभाल करने वाला ट्रस्ट) को ननकाना साहिब गुरूद्वारा में उनके कार्य की स्थाई प्रदर्शनी की इजाजत दी गई है।’’  उन्होंने बताया कि यह पहला मौका है जब भारतीय सिख को पाकिस्तान में किसी गुरूद्वारा में स्थाई प्रदर्शनी की इजाजत दी गई है ।

लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित गुरूद्वारा में इस प्रदर्शनी के मध्य नवंबर में बाबा गुरू नानक के जन्म दिवस के साथ मनाए जाने वाले पर्व के दौरान शुभारंभ होने की संभावना है।जसपाल ने ईटीपीबीपी अध्यक्ष सिद्दिकी फारूक से कल मुलाकात के बाद कहा कि वह गुरूद्वारा जन्म स्थान ननकाना साहिब में पवित्र पेड़ों की तस्वीर की एक स्थाई प्रदर्शनी करेंगे, जो न सिर्फ सिखों का बल्कि सभी प्रकृति प्रेेमियों का ध्यान अपनी आेर खींचेगी। 

जसपाल ‘ट्रिस्ट विद ट्रीज’ पंजाब की पवित्र धरोहर’ के लेखक हैं जो तस्वीरों वाला एक दस्तावेज है। इसमें भारत और पाकिस्तान के 58 पवित्र एवं एेतिहासिक सिख गुरूद्वारों को शामिल किया गया है जिनमें नाम पेड़ों की 19 प्रजातियों पर पड़े हैं, इनमें पटियाला का गुरूद्वारा नीम साहिब, सियालकोट का गुरूद्वारा बाबे दी बेर साहिब, तथा गुरूद्वारा रीठा साहिब आदि शामिल हैं। 

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