Edited By Isha,Updated: 20 Sep, 2018 05:23 PM
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की जमात-उद-दावा और उसके सहायक संगठन फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की संपत्तियों को फिर से हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर
इंटरनैशनल डेस्कः मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की जमात-उद-दावा और उसके सहायक संगठन फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की संपत्तियों को फिर से हासिल करने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू करने की योजना है। जमात-उद-दावा के प्रवक्ता ने बुधवार को बताया कि यह योजना तब बनाई गई है जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दोनों संगठनों को देश में अपनी गतिविधियां जारी रखने की अनुमति दे दी है।
सरकार ने गत वर्ष राष्ट्रपति अध्यादेश लागू होने के बाद जमात-उद-दावा और एफआईएफ से जुड़ी करीब 184 इमारतों (स्कूलों, अस्पतालों और डिस्पेंसरियों) को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसके बाद वहां प्रशासकों को नियुक्त किया गया। सरकार ने दोनों संगठनों के सभी बैंक खाते भी सील कर दिए थे और उन्हें निधि एकत्रित करने से रोक दिया था। पिछले सप्ताह, सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने सरकार की लाहौर हाई कोर्ट के पांच अप्रैल को दिए अंतरिम आदेश के खिलाफ अपील खारिज कर दी थी। लाहौर हाई कोर्ट ने दोनों समूहों को अपने कल्याण कार्य जारी रखने की अनुमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों संगठनों के सामाजिक कार्य में हस्तक्षेप करने से सरकार को रोक दिया था और साथ ही उनकी कानूनी गतिविधियों को भी मंजूरी दी थी।
जमात-उद-दावा के प्रवक्ता अहमद नदीम ने कहा, ‘जमात-उद-दावा और एफआईएफ को केवल काम करने की अनुमति मिली है, लेकिन इसका पूरा ढांचा अब भी सरकारी प्रशासन के नियंत्रण में है. बैंक खातों को सील कर दिया गया और फंड जुटाना भी रोक दिया गया। हम जमात-उद-दावा और एफआईएफ की संपत्तियों पर फिर से नियंत्रण हासिल करने के लिए लाहौर हाई कोर्ट जाएंगे और उनके बैंक खातों को फिर से खोलने की मांग करेंगे।’