हांगकांगः राष्ट्रगान विधेयक के विरोध में सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी

Edited By Yaspal,Updated: 27 May, 2020 06:23 PM

hong kong protesters took to the road to protest against the china

हांगकांग में राष्ट्रगान संबंधी एक विधेयक पर संसद में चर्चा के बीच बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र समर्थक नारे लगाए और पुलिस का अपमान किया। हांगकांग की संसद में उस विधेयक पर चर्चा की गई जिससे इस अर्द्ध स्वायत्त शहर में चीन के राष्ट्रगान...

हांगकांगः हांगकांग में राष्ट्रगान संबंधी एक विधेयक पर संसद में चर्चा के बीच बुधवार को हजारों प्रदर्शनकारियों ने लोकतंत्र समर्थक नारे लगाए और पुलिस का अपमान किया। हांगकांग की संसद में उस विधेयक पर चर्चा की गई जिससे इस अर्द्ध स्वायत्त शहर में चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना अपराध के दायरे में आएगा। संसद की इमारत के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए चेतावनी दी कि वहां से नहीं हटने पर उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है।
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केंद्रीय व्यावसायिक क्षेत्र में उन्होंने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया और कई लोगों की तलाशी ली। खरीदारी के लिए मशहूर कॉजवे बे में 50 से अधिक लोग एकत्रित हो गए और एक शॉपिंग मॉल के बाहर बैठ गए जबकि दंगा रोधी पुलिस ने गश्त लगाई और काली मिर्च का छिड़काव करने से पहले उन्हें वहां से हटने के लिये चेतावनी भी दी। इस दौरान सुरक्षाबलों ने पत्रकारों को भी चेतावनी दी कि कालीमिर्च का छिड़काव करते हुए उनका वीडियो न बनाएं। हांगकांग पुलिस की फेसबुक पोस्ट के मुताबिक अनधिकृत रूप से इकट्ठा होने पर करीब 300 लोगों को शहर से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने कहा कि एक अन्य मामले में गैरकानूनी उद्देश्यों वाले सामान जैसे पेट्रोल बम, हेल्मेट, गैस मास्क और कैंचियां रखने के आरोप में कम से कम 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें से ज्यादातर किशोर हैं। खतरनाक ड्राइविंग के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया।
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गौरतलब है कि इस विधेयक से ‘‘मार्च ऑफ द वॉलंटियर'' का अपमान करना गैरकानूनी हो जाएगा। जो दोषी पाया जाएगा उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है और उस पर 50,000 हांगकांग डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है। इस विधेयको के विरोधियों का कहना है कि राष्ट्रगान विधेयक शहर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को झटका है। वहीं चीनी अधिकारियों का कहना है कि इससे देशभक्ति की भावना के साथ ही लोगों में सोशलिस्ट मूल्य भी आएंगे। चीन समर्थक सांसद टोनी त्से ने संसद में चर्चा के दौरान कहा, “पश्चिमी लोकतंत्रों में सभी के यहां राष्ट्रध्वज, राष्ट्रगान और राष्ट्रीय प्रतीक का सम्मान सुनिश्चित करने के लिये कानून हैं। इनका अपमान करने वाला कोई भी कृत्य आपराधिक भी माना जाएगा।”
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त्से ने कहा कि यह विधेयक लोगों के मानवाधिकार को प्रभावित नहीं करेगा और न ही लोगों को देश या किसी राजनीतिक शक्ति से प्रेम करने के लिये बाध्य करेगा। उन्होंने कहा, “इसका उद्देश्य देश की गरिमा सुरक्षित रखना है।” लोकतंत्र समर्थक सांसद चार्ल्स मोक ने इससे असहमति जताते हुए कहा कि विधेयक को लोगों का सम्मान नहीं मिलेगा और यह लोगों की स्वतंत्रता, आवाज और विचारों को नियंत्रित करने का एक बहाना था।

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