ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग को मंजूरी, 21 जनवरी से शुरू हो सकती कार्रवाई

Edited By Tanuja,Updated: 16 Jan, 2020 10:46 AM

house votes to send trump impeachment articles to senate

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में महाभियोग अब सीनेट में चलेगा। सांसदों ने बुधवार को ट्रंप के खिलाफ संसद के निचले सदन में चल ...

न्यूयार्कः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग के आरोप में महाभियोग अब सीनेट में चलेगा। सांसदों ने बुधवार को ट्रंप के खिलाफ संसद के निचले सदन में चल रही महाभियोग की कार्रवाई को ऊपरी सदन सीनेट भेजने के पक्ष में वोट किया। सत्ता के दुरुपयोग और संसद के काम में अवरोध पैदा करने के आरोप में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही 21 जनवरी से शुरू हो सकती है जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस करेंगे।

 

सात महाभियोग प्रबंधक करेंगे बहस
ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सीनेट में 228 सांसदों ने जबकि विपक्ष में 193 सांसदों ने वोट दिया। निचले सदन ने सात महाभियोग प्रबंधकों की नियुक्ति की है, जो डेमोक्रेट्स की तरफ से ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाने के लिए बहस करेंगे। इन प्रबंधकों की नियुक्ति निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने की है। बता दें कि 438 सदस्यीय निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है। सदन ने 18 दिसंबर को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति ट्रंप देश के इतिहास के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं जिनके खिलाफ महाभियोग को मंजूरी दी गई है।
 

ट्रंप के  राष्ट्रपति पद से हटने की संभावना कम
हालांकि सीनेट में रिपब्लिक सांसदों का नियंत्रण है, ऐसे में इस बात की संभावना बेहद कम है कि ट्रंप को राष्ट्रपति पद से हटाया जा सकेगा। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ट्रंप की सत्ता भी फिलहाल सुरक्षित रहेगी क्योंकि महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन में पूरी भी होने के बाद भी रिपब्लिकन बहुमत वाली सीनेट से उसका पास होना मुश्किल है। ट्रंप एक ही सूरत में हट सकते हैं, जब कम से कम 20 रिपब्लिकन सांसद उनके खिलाफ विद्रोह का झंडा उठा लें। फिलहाल इसकी गुंजाइश कम ही है।

 

ट्रंप पर लगे हैं ये आरोप
ट्रंप पर आरोप हैं कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में संभावित प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए यूक्रेन की सरकार पर दबाव बनाया। बिडेन के बेटे यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी में बड़े अधिकारी हैं। ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडीमिर जेलेंस्की के बीच हुई कथित फोन वार्ता महाभियोग के लिए एक अहम सबूत है।

 

'चुनाव से पहले ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचाना मकसद'
उधर व्हाइट हाउस ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति ट्रंप महाभियोग की प्रक्रिया को आसानी से पार कर ले जाएंगे। चीन के साथ मंगलवार को ट्रेड डील साइन करते वक्त ट्रंप ने इसे महाभियोग को सिर्फ एक अफवाह करार दिया और कहा कि इसका कोई असर नहीं होगा। ट्रंप के कैंपेन मैनेजर ब्रैड पार्सकल ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले यह ट्रंप की राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने का एक प्रयास है।

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