Edited By Tanuja,Updated: 29 Mar, 2020 05:27 PM
एक ओर जहां दुनिया भर के डाक्टर कोरोना वायरस का उपचार ढूंढने में लगे हैं तो दूसरी तरफ अमेरिका के डॉक्टर वायरस के संक्रमण का इलाज ...
वॉशिंगटनः एक ओर जहां दुनिया भर के डाक्टर कोरोना वायरस का उपचार ढूंढने में लगे हैं तो दूसरी तरफ अमेरिका के डॉक्टर वायरस के संक्रमण का इलाज करने के लिए एक नए तरीके पर काम कर रहे हैं। ह्यूस्टन के मेथोडिस्ट हॉस्पीटल के डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण से ठीक हुए एक मरीज का खून इस बीमारी से गंभीर रूप से पीड़ित एक रोगी को चढ़ाया है। ऐसा प्रयोग करने वाला यह देश का पहला अस्पताल बन गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घातक कोरोना से दो हफ्ते से अधिक समय तक लड़कर स्वस्थ्य हो रहे एक शख्स ने ब्लड प्लाज्मा कोनवा लेस्सेंट सीरम थेरेपी के लिए दान दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, माना जा रहा है कि इलाज का यह तरीका साल 1918 के स्पैनिश फ्लू महामारी के समय का है।
मेथोडिस्ट्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (Houston Methodist Hospital) के वैज्ञानिक डॉ. एरिक सलाजार ने अपने बयान में कहा कि कोनवालेस्सेंट सीरम थेरेपी ( कोरोना के इलाज का एक कारगर तरीका हो सकता है। हालांकि, अभी चल रहे नैदानिक परीक्षणों में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन हमारे पास इतना वक्त नहीं है।