ह्यूस्टन से तिलमिलाए चीन का बदला, अमेरिका से चेंगदू स्थित उसका दूतावास बंद करने को कहा

Edited By Yaspal,Updated: 24 Jul, 2020 08:35 PM

houston s revenge for stung china asked america to close its embassy in chengdu

ह्यूस्टन में चीनी महावाणिज्य दूतावास बंद करने के अमेरिका के फैसले पर पलटवार करते हुए चीन ने शुक्रवार को वाशिंगटन से चेंगदू स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया। इस कदम से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे द्विपक्षीय...

बीजिंगः ह्यूस्टन में चीनी महावाणिज्य दूतावास बंद करने के अमेरिका के फैसले पर पलटवार करते हुए चीन ने शुक्रवार को वाशिंगटन से चेंगदू स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास बंद करने का आदेश दिया। इस कदम से दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण चल रहे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव और बढ़ गया है। चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि चीन ने यहां स्थित अमेरिकी दूतावास को अपने फैसले की सूचना दे दी है कि वह दक्षिणपश्चिम सिचुआन की प्रांतीय राजधानी चेंगदू में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास की स्थापना एवं संचालन के लिए दी गई अपनी सहमति वापस लेता है। चेंगदू, अमेरिका के लिए महत्त्वपूर्ण राजनीतिक मिशन है जो तिब्बत के संवेदनशील क्षेत्र समेत देश के बड़े हिस्से को कवर करता है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को चेंगदू में अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास को सभी कार्यक्रमों एवं संचालनों को बंद करने को भी कहा है। विदेश मंत्रालाय ने एक बयान में कहा, “21 जुलाई को, अमेरिका ने चीन से ह्यूस्टन में महावाणिज्य दूतावास बंद करने की अचानक मांग कर एकपक्षीय उकसावे की शुरुआत की। अमेरिकी कदम ने अंतरराष्ट्रीय कानून, अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल नियमों तथा चीन-अमेरिका कूटनीतिक कन्वेंशन की शर्तों का गंभीर रूप से उल्लंघन किया है।” मंत्रालय ने कहा, “इसने चीन-अमेरिका के रिश्तों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है। चीन की ओर से उठाया गया कदम अमेरिका की अनुचित कार्रवाई के प्रति वैध एवं आवश्यक प्रतिक्रिया है।”

विदेश मंत्रालय ने कहा, “चीन-अमेरिका संबंधों की मौजूदा स्थिति वह नहीं है जो चीन देखना चाहता है और इन सबके लिए अमेरिका जिम्मेदार है। हम अमेरिका से एक बार फिर अपील करते हैं कि वह अपने गलत फैसलों को तत्काल वापस ले और द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने के लिए आवश्यक स्थितियां उत्पन्न करे।'' अमेरिका ने ह्यूस्टन में स्थित चीनी महावाणिज्य दूतावास बंद करने का बुधवार को आदेश दिया था। उसने कहा था कि यह कदम, “अमेरिकी बौद्धिक संपदा एवं निजी सूचना को संरक्षित” रखने के मकसद से उठाया गया। अमेरिकी कार्रवाई पर कड़ी प्रतिक्रिया करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने इसे तनाव में “अभूतपूर्व वृद्धि” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी।

वांग ने कहा, “यह चीनी और अमेरिकी लोगों के बीच दोस्ती के पुल को तोड़ना है।” शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों ने ह्यूस्टन में चीनी महावाणिज्य दूतावास पर अमेरिका में बीजिंग के जासूसी अभियान का हिस्सा होने का आरोप लगाया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि वह देश में और चीनी महावाणिज्य दूतावासों को बंद करने का आदेश दे सकते हैं। कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के बीजिंग के तरीके को लेकर अमेरिका और चीन के रिश्तों में हाल में काफी खटास देखने को मिली।

शिन्जियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों पर चीन की कार्रवाई और हांगकांग में बीजिंग द्वारा विवादित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करने को लेकर उभरी चिंताओं ने भी द्विपक्षीय तनाव को बढ़ा दिया है। ट्रंप प्रशासन की चीन नीति पर बृहस्पतिवार को दिए गए एक बड़े भाषण में, विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ह्यूस्टन में चीनी महावाणिज्य दूतावास को “जासूसी एवं बौद्धिक संपदा चोरी का केंद्र” बताया था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अमेरिका ने चीन को 72 घंटों के भीतर अपना महावाणिज्य दूतावास बंद करने को कहा है।

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