अमेरीका का ये मास्टर प्लान कर गया काम, वैश्विक आंतकी अल जवाहिरी की एक आदत बन गई उसकी मौत का कारण

Edited By Tanuja,Updated: 03 Aug, 2022 11:26 AM

how us planned and executed the killing of al zawahiri

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को सूरज उगने के साथ ही अमेरिकी ड्रोन से दागी गई दो हेलफायर मिसाइलों ने अल-कायदा के सरगना

वाशिंगटनः अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रविवार को सूरज उगने के साथ ही अमेरिकी ड्रोन से दागी गई दो हेलफायर मिसाइलों ने अल-कायदा के सरगना के तौर पर अयमान अल-जवाहिरी के एक दशक लंबे कार्यकाल का अंत कर दिया। अल-जवाहिरी के अंत का कारण उसकी एक आदत बनी। इसी आदत को सामने रखते हुए  इस बड़े आतंकवाद निरोधी अभियान की तैयारी कई महीने पहले ही कर ली गई थी।

 

इस आदत कारण अल-जवाहिरी बन सका शिकार
अमेरिकी अधिकारियों ने अल-जवाहिरी की पनाहगाह का वृहद मॉडल तैयार कर उसे व्हाइट हाउस के ‘सिचुएशन रूम’ में राष्ट्रपति जो बाइडेन के समक्ष पेश किया था।  उन्हें पता था कि अल-जवाहिरी अक्सर अपने घर की बालकनी में बैठता है। एक अधिकारी के मुताबिक, अमेरिकी खुफिया विभाग ने अल-जवाहिरी की जीवनशैली का विस्तृत खाका तैयार किया था और जब मिसाइलों ने उड़ान भरी, तब अधिकारियों को यकीन था कि अल-कायदा सरगना बालकनी में होगा। अल-जवाहिरी अमेरिका में 9/11 को हुए आतंकी हमले के षड्यंत्रकारियों में शामिल था। मई 2011 में अमेरिकी नेवी सील के खुफिया अभियान में ओसामा बिना लादेन के मारे जाने तक वह अल-कायदा में नंबर दो की हैसियत रखता था।

 

 चार राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में किए प्रयास अब हुए सफल
अल-कायदा सरगना के ठिकाने का सुराग मिलने के बाद बाइडेन ने कहा था कि अल-जवाहिरी और उसके सहयोगियों तक पहुंचने के लिए खुफिया अधिकारियों द्वारा चार राष्ट्रपतियों के कार्यकाल में किए गए प्रयास इस साल की शुरुआत में रंग ले आए। अमेरिका ने रविवार सुबह 6.18 बजे काबुल के सुदूर इलाके में मिसाइलें दागकर अल-जवाहिरी को मौत की नींद सुला दिया। हक्कानी नेटवर्क के सहयोग से अल-जवाहिरी का परिवार पिछले साल इस घर में तब रहने पहुंचा था, जब तालिबान ने अफगानिस्तान की हुकूमत अपने हाथों में ले ली थी।

 

ये था अमेरिका का जबरदस्त मास्टर प्लान
अधिकारियों ने बताया कि अल-जवाहिरी के ठिकाने का सुराग मिलना काफी नहीं था, उसकी पहचान की पुष्टि करना, भीड़भाड़ वाले इलाके में ऐसे हमले की योजना बनाना, जिसमें आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे और यह सुनिश्चित करना कि अभियान से अमेरिका की अन्य प्राथमिकताओं को झटका न लगे, बेहद अहम था और यही कारण है कि इसमें महीनों का समय लग गया। अधिकारियों के मुताबिक, अभियान की तैयारियों में विश्लेषकों की स्वतंत्र टीम का अल-जवाहिरी की मौजूदगी की संभावनाओं को लेकर समान निष्कर्ष पर पहुंचना, आसपास मौजूद लोगों को होने वाले खतरे के आकलन के लिए इमारत की संरचना का अध्ययन करना और मॉक अभियान चलाना तथा बाइडेन के सलाहकारों की आम सहमति हासिल करना शामिल था।

 

बहुत ध्यान और सख्ती से बनाई गई योजना 
बाइडेन ने सुराग को ‘स्पष्ट एवं भरोसेमंद’ करार दिया। उन्होंने कहा, “मैंने इस सटीक हमले को अधिकृत किया, जो अल-जवाहिरी को युद्ध के मैदान से हमेशा के लिए हटा देगा। इस अभियान की योजना बहुत ध्यान और सख्ती से बनाई गई थी, ताकि आम नागरिकों को नुकसान पहुंचने का जोखिम कम से कम हो जाए।”
अधिकारियों के मुताबिक, बाइडन ने अधिकारियों को ऐसे हवाई हमले का खाका तैयार करने का निर्देश दिया था, जिसमें दोनों मिसाइलें सिर्फ अल-जवाहिरी की पनाहगाह की बालकनी को निशाना बनाएं और इमारत के अन्य हिस्सों में मौजूद लोगों को कोई नुकसान न पहुंचे।अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि अल-जवाहिरी को ‘कई मौकों पर लंबी अवधि के लिए’ उस बालकनी में देखा गया था, जहां उसकी मौत हुई।

 

बाइडेन के कोरोना संक्रमित होने का मिला फायदा
उन्होंने बताया कि अप्रैल की शुरुआत में दो शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों को खुफिया जानकारी से अवगत कराया गया। इसके तुरंत बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने राष्ट्रपति बाइडेन को संबंधित जानकारी दी।  उन्होंने बताया कि एक जुलाई को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने पांच दिवसीय यूरोप दौरे से लौटे बाइडन को व्हाइट हाउस के ‘सिचुएशन रूम’ में प्रस्तावित हवाई हमले से अवगत कराया। 

 

अधिकारी के मुताबिक, कोविड-19 संक्रमण के चलते व्हाइट हाउस में पृथकवास में रह रहे बाइडन को 25 जुलाई को अभियान का अंतिम ब्योरा दिया गया।  इसके बाद बाइडेन ने मौका मिलते ही हमले को अंजाम देने की स्वीकृति दे दी।अधिकारियों के अनुसार, रविवार सुबह बाइडेन जब एक बार फिर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के कारण व्हाइट हाउस में पृथकवास में थे, तब यह मौका आया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति को अभियान की शुरुआत से लेकर इसके अंत तक की जानकारी दी गई। हालांकि, इसकी सूचना सार्वजनिक करने में 36 घंटे लगे। 

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