Edited By Tanuja,Updated: 09 Mar, 2019 11:28 AM
राजनीतिक संकट से जूझ रहे वेनेज़ुएला पर अब नई मुसीबत आन पड़ी है। यहां शुक्रवार को बिजली संकट के चलते पूरा देश अंधेरे में डूब गया है। इस राष्ट्रीय ब्लैकआउट के सार्वजनिक परिवहन थम गया व खाद्य आपूर्ति ठप्प हो गई ...
कारकसः राजनीतिक संकट से जूझ रहे वेनेज़ुएला पर अब नई मुसीबत आन पड़ी। यहां बृहस्पतिवार देर रात से बिजली संकट के चलते पूरा देश अंधेरे में डूब गया । इस राष्ट्रीय ब्लैकआउट के सार्वजनिक परिवहन थम गया, खाद्य आपूर्ति ठप्प हो गई और हजारों रोगियों के जीवन को खतरा पैदा हो गया। जानकारी के् अनुसार यहां देश को लगभग 70% ऊर्जा प्रदान करने वाले दक्षिणी राज्य बोलिवर के गुरी में स्थित मुख्य जलविद्युत स्टेशन बंद होने के कारण पूरे देश में ब्लैकआऊट का संकट पैदा हो गया। वेनेजुएला सरकार को देश में ठप्प बिजली आपूर्त्ति को बहाल करने के लिए शुक्रवार को खासी मशक्कत करनी पड़ी। ब्लैकआऊट से मादुरो और विपक्ष के नेता जुआन गुइदो के बीच सत्ता संघर्ष को लेकर तनाव और बढ़ गया है। गुइदो को अमेरिका का समर्थन प्राप्त है। उपराष्ट्रपति डेल्सी रॉड्रिगेज ने ट्वीट किया, ‘‘मादुरो ने देश में बिजली सेवा बहाल करने के प्रयासों के तहत कार्यालयों और स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया।’’
बिजली मंत्री लुइस मोत्ता डोमिंगुएज़ ने ब्लैकआउट को "बिजली युद्ध" और तोड़फोड़ का कार्य कहा। राज्य प्रसारक वीटीवी ने बताया कि कुछ जगह बिजली को बहाल किया गया था, लेकिन कोई विशिष्ट संख्या या स्थान नहीं दिया गया था। डोमिंग्यूज ने कहा यह सरकार व लोगों पर हमला है । दूसरी तरफ वेनेजुएला के नेशनल इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन में एक पूर्व बिजली कार्यकारी ने बताया कि पावर स्टेशन पर आउटेज सबसे अधिक पुराने उपकरणों और खराब रखरखाव का परिणाम था। वेनेजुएला के अधिकारियों ने "तोड़फोड़" के माध्यम से ब्लैकआउट करने के लिए विपक्ष और संयुक्त राज्य अमेरिका को जल्दी से दोषी ठहराया, लेकिन सबूत नहीं दिए।
गुरी एक सैन्यीकृत क्षेत्र है जो सैनिकों द्वारा घड़ी के चारों ओर संरक्षित है। विश्लेषकों और बिजली क्षेत्र के ठेकेदारों ने कहा कि ब्लैकआउट वर्षों के कुशासन और भ्रष्टाचार का परिणाम है, जिसने ग्रिड, ट्रांसमिशन टावरों और पीढ़ी संयंत्रों को ब्रेकिंग पॉइंट पर ला दिया है। पिछले एक दशक में सरकार द्वारा निर्मित एक दर्जन से अधिक डीजल- और प्राकृतिक गैस से संचालित बैकअप संयंत्रों में से एक भी नहीं है, जो गौरी आउटेज की भरपाई के लिए ऑनलाइन आया हो।
बता दें कि वेनेजुएला इस समय आर्थिक व राजनीतिक संकट से घिरा हुआ है। आलम ये है कि यहां पर लोगों को खाने के लाले पड़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वहां पर भूखमरी का आलम ये है कि एक किलो चावल के लिए लोग एक दूसरे की हत्या करने से भी नहीं चूक रहे हैं। इतना सब होने के बाद भी वहां के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अंतरराष्ट्रीय मदद को ये कहते हुए इन्कार कर दिया है कि उनका देश भिखारी नहीं है। यह हाल तब है जब आर्थिक तौर पर बदहाली का सामना कर रहे वेनेजुएला में मुद्रास्फीति की दर 13 लाख फीसद तक बढ़ चुकी है।