चीन के OBOR प्रोजैक्ट पर IMF ने उठाए सवाल, पार्टनर देशों के लिए बताया खतरा

Edited By Tanuja,Updated: 13 Apr, 2018 12:02 PM

imf head warns china on exporting debt through  silk road

चीन के महत्वकांशी प्रोजैक्ट ''वन बेल्ट वन रोड (OBOR) यानी ''सिल्क रोड'' पर  पहले ही सवाल उठ चुके हैं और अब  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस प्रोजैक्ट  को लेकर चीन को चेतावनी दे डाली है।

बीजिंगः  चीन के महत्वकांशी प्रोजैक्ट 'वन बेल्ट वन रोड (OBOR) यानी 'सिल्क रोड' पर  पहले ही सवाल उठ चुके हैं और अब  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने इस प्रोजैक्ट  को लेकर चीन को चेतावनी दे डाली है।   IMF की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीन लेगार्ड ने गुरुवार को कहा कि चीन का ये महत्वाकांक्षी प्रोजैक्ट तरक्की का सूचक तो है, लेकिन इससे आने वाले वक्त में इसके पार्टनर देशों पर बड़े कर्ज का खतरा मंडरा रहा है।

IMF चीफ  क्रिस्टीन लेगार्ड ने  बीजिंग में आयोजित बेल्ट एंड रोड कॉन्फ्रेंस में  कहा कि OBOR प्रोजैक्ट को लेकर दो चुनौतियां है। पहली, इस प्रोजैक्ट के तहत बने रास्ते का इस्तेमाल जरूरत पड़ने पर किया जाएगा।दूसरा, ये प्रोजैक्ट राजकोषीय नीति पर फोकस करेगा. इससे आने वाले समय में इस प्रोजेक्ट के साझेदार देशों के लिए कर्ज का बोझ बढ़ने वाला है। क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि बेशक  चीन इस संभावित ऋण के खतरों से वाकिफ है और  इन खतरों से बचने के लिए जरूरी उपाय भी तलाश रहा है। उन्होंने कहा कि 'वन बेल्ट वन रोड' के साझेदार देशों को प्रोजैक्ट पूरा होने से बड़ा आर्थिक फायदा होगा, लेकिन इसका ये मतलब नहीं   कि  इस फायदे के लिए उन्हें कुछ भी खोना नहीं पड़ेगा।

गौरतलब है कि चीन ने आर्थिक मंदी से उबरने, बेरोजगारी से निपटने और अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए 'वन बेल्ट, वन रोड' परियोजना को पेश किया है।चीन ने एशिया, यूरोप और अफ्रीका को सड़क मार्ग, रेलमार्ग, गैस पाइप लाइन और बंदरगाह से जोड़ने के लिए 'वन बेल्ट, वन रोड' के तहत सिल्क रोड इकोनॉमिक बेल्ट और मैरीटाइम सिल्क रोड परियोजना शुरू की है। 'वन बेल्ट-वन रोड' चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का सपना है  जिसकी औपचारिक शुरुआत 14-15 मई 2013 को बीजिंग में हो चुकी है।

 
 क्यों है पार्टनर देशों पर खतरा
चीन अपनी इस महत्वाकांक्षी परियोजना के जरिए दुनिया की 60 फीसदी आबादी यानी 4.4 अरब लोगों पर शिकंजा कसने की कोशिश कर रहा है। वह इन पर एकछत्र राज करना चाहता है। ऐसे में इसके भावी परिणाम बेहद गंभीर साबित हो सकते हैं। इन देशों के लोग भविष्य में चीन के गुलाम बन कर रहे जाएंगे। चीन का रिकॉर्ड रहा है कि वह बिना स्वार्थ के कोई काम नहीं उठाता है, खासकर विदेशी निवेश को लेकर उसका रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है।
 

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