Edited By Tanuja,Updated: 02 Nov, 2020 10:56 AM
पाकिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब के कदम के खिलाफ गिलगित-बाल्टिस्तान...
पेशावरः पाकिस्तान में सरकार और सेना के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब के कदम के खिलाफ गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान कर दिया। उन्होंने यह घोषणा ऐसे वक्त में की जब गिलगित-बाल्टिस्तान में लोग इमरान सरकार के इस कदम के खिलाफ बगावत पर उतरे हुए हैं। इमरान खान ने कहा, ''मेरे गिलगित-बाल्टिस्तान आने के पीछे की वजहों में से एक यह ऐलान करना है कि हमने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत बनाने का निर्णय किया है।'' पाकिस्तान का ऐलान सऊदी अरब के उस कदम के बाद आया है, जब हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान के मैप से गिलगित-बाल्टिस्तान को हटा दिया था।
बीते लंबे समय से पाकिस्तान की इमरान सरकार के खिलाफ गिलगिल-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं। लोग इमरान सरकार का जमकर विरोध करते हैं। ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सरकार के इस फैसले के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और बड़े स्तर पर भड़क सकते हैं।इससे पहले, 8 अक्टूबर को PoK के मुजफ्फराबाद शहर में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और स्टूडेंट लिबरेशन फ्रंट ने सरकार के गिलगिल-बाल्टिस्तान के संभावित फैसले के खिलाफ जमकर विरोध किया था। इस दौरान, इमरान खान के खिलाफ खूब नारेबाजी भी हुई थी।
क्षेत्र के राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि वे बलिदान देने को तैयार हैं लेकिन पाकिस्तान को क्षेत्र की स्थिति में बदलाव नहीं करने देंगे। गिलगित-बाल्टिस्तान के दूसरे शहरों में रह रहे लोगों ने भी इस्लामबाद के फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने का फैसला लिया है। बता दें कि गिलगित- बाल्टिस्तान, जिसे पहले उत्तरी क्षेत्रों के रूप में जाना जाता था, उसे 'गिलगित-बाल्टिस्तान सशक्तीकरण और 2009 के स्व-शासन आदेश' द्वारा शासित किया गया है। इस क्षेत्र में चुनाव उस आदेश के तहत हुए हैं जो केवल सीमित स्वायत्तता प्रदान करता है। वहां रहने वाले लोग पाकिस्तान पर क्षेत्र के रिसोर्स का फायदा उठाने और दोहन करने का आरोप लगाते रहे हैं। वहीं, भारत भी पाकिस्तान के इस कदम का विरोध करता आया है।