Edited By Tanuja,Updated: 12 Jun, 2022 03:35 PM
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने में अहम रोल निभाने वाले असेंबली सदस्यों की योग्यता का मामला एक बार फिर...
इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने में अहम रोल निभाने वाले असेंबली सदस्यों की योग्यता का मामला एक बार फिर चर्चा में है। इमरान खान ने अब अपने दगाबाज पूर्व साथी सांसदों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। पूर्व पीएम ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें 20 पार्टी असंतुष्टों के खिलाफ अयोग्यता के मामले को खारिज कर दिया गया था।
ECP ने पिछले महीने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के उस मामले को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पीटीआई सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में मतदान करने वाले नेशनल असेंबली के अपने असंतुष्ट सदस्यों को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी।अपने निर्णय में तीन सदस्यीय ECP पीठ ने अयोग्यता के संदर्भों को खारिज कर दिया था। जबकि पीटीआइ का कहना था कि 20 असंतुष्ट एमएनए ने संविधान के अनुच्छेद 63 ए का उल्लंघन किया है। जो दलबदल के लिए सांसदों की अयोग्यता से संबंधित है। पीटीआइ ने एमएनए नूर आलम खान, डा मोहम्मद अफजल खान ढांडला, नवाब शेर वसीर, राजा रियाज अहमद और अहमद हुसैन देहर सहित कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
चुनाव आयोग ने अपने फैसले में सर्वसम्मति से कहा कि अनुच्छेद 63 (ए) के तहत एमएनए के खिलाफ दायर की गई घोषणा पाकिस्तान के संविधान के अनुसार नहीं पाई गई। यहां बता दें कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 9 अप्रैल को नेशनल असेंबली में हुआ था, जिसमें 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में अपना वोट दर्ज किया था और उनमें 20 सदस्य इमरान के ही सहयोगी थे।