इमरान जीते तो बढ़ेगी भारत की टैंशन, ये है वजह

Edited By Tanuja,Updated: 24 Jul, 2018 04:05 PM

imran khan s victory will be bad sign for india

पाकिस्तान में बुधवार 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। पाक सेना इस चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को जीत दिलवाना चाहती है।  इमरान खान की जीत से पाकिस्तान को क्या फायदा होगा यह तो वक्त ही बताएगा...

इस्लामाबादः पाकिस्तान में बुधवार 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। पाक सेना इस चुनाव में क्रिकेटर से राजनेता बने तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को जीत दिलवाना चाहती है।  इमरान खान की जीत से पाकिस्तान को क्या फायदा होगा यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन उनकी जीत भारत के लिए चिंता का सबब जरूर बन सकती है। वोटिंग से पहले  नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना इमरान खान को जिताने में लगी है।  
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बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस चुनाव में नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) और इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के बीच कड़ी टक्कर है। इनके अलावा पाकिस्तान में पूर्व में सत्ता में रह चुकी पाकिस्तान पिपल्स पार्टी भी चुनाव लड़ रही है. हालांकि सूत्रों के अनुसार पीपीपी बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो जरदारी की लीडरशीप में इस चुनाव में ज्यादा छाप नहीं छोड़ पाएगी। साथ ही आतंकी हाफ‍िज सईद के समर्थन वाले उम्मीदवार भी अल्लाह हू अकबर तहरीक के बैनर तले चुनाव में हैं।  नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन) और  पाकिस्तान पिपल्स पार्टी दोनों की नेतृत्व वाली सरकार के साथ भारत द्व‍िपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने की कोश‍िश कर चुका है।  लेकिन अगर इस बार  इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी सत्ता में आती है तो भारत के लिए एक नई पार्टी के साथ डील करने का   नया अनुभव होगा।
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पाकिस्तान सेना नहीं चाहती कि कोई स्थ‍िर नागरिक सरकार सत्ता में आए, क्योंकि इससे प्रशासन पर उसका प्रभाव कम होगा।  ऐसे में वह इमरान खान की पार्टी को बढ़ावा दे रही है क्योंकि इमरान खान की सोच सेना की सोच से काफी मिलती जुलती है। इमरान खान आतंकी ग्रुपों के साथ बातचीत का रास्ता अपनाने की सोच व कट्टरपंथी संस्थाओं और आतंकी संगठन के साथ म‍िलकर चलने में विश्वास रखते हैं। ऐसे में कई बार विपक्षी उनको तालिबानी खान कहकर भी विरोध कर चुके हैं। पाक सेना और आईएसआई का प्लान है कि अगर इमरान खान की पार्टी बहुमत हासिल करने में पीछे रह जाती है तो फ‍िर भी हाफ‍िज सईद के समर्थन वाले उम्मीदवार वाली पार्टी अल्लाह हू अकबर तहरीक की समर्थन से सरकार बनाई जा सके। पाक सेना इसलिए भी इमरान पर दांव खेल रही है क्योंकि पूर्व में नवाज शरीफ की पार्टी (पीएमएल-एन)  और पाकिस्तान पिपल्स पार्टी दोनों ही भारत के साथ रिश्ते सुधारने पर जोर दे चुके हैं।
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वहीं सीटों की संख्या पर गौर करें तो पाकिस्तान में जीत का रास्ता पंजाब से होकर गुजरता है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जिस पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें मिलती हैं वही पार्टी केंद्र में सरकार बनाती है। संसद की कुल 272 सीटों में से 147 पंजाब में है। पंजाब को पीएमएल-एन का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार पार्टी के कई मेंबर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा 61 सीटें सिंध प्रांत, 35 सीटें खैबर पख्तूनवा, 14 सीटें बलूचिस्तान प्रांत, 3 सीटें इस्लामाबाद, संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्रों में 12 सीटें मौजूद हैं और 70 आरक्षित सीटे हैं। ऐसे में 342 सीटों के लिए होने वाले पाकिस्तान आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी और हाफ‍िज सईद के समर्थन वाले उम्मीदवार अगर  मिलकर सरकार बनाते हैं तो सबसे बड़ा खतरा भारत के लिए होगा।  
 

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