Edited By vasudha,Updated: 11 Oct, 2019 06:12 PM
पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव को कम करने के प्रयास के तहत शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ईरान एवं सऊदी अरब की यात्रा पर जाने की संभावना है। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि खान सबसे पहले तेहरान पहुंचेंगे...
इस्लामाबाद: पश्चिम एशिया में बढ़े तनाव को कम करने के प्रयास के तहत शनिवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ईरान एवं सऊदी अरब की यात्रा पर जाने की संभावना है। राजनयिक सूत्रों ने बताया कि खान सबसे पहले तेहरान पहुंचेंगे, जहां वह ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी से रविवार को मुलाकात करेंगे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री खान रियाद के लिये उड़ान भरेंगे। वहां वह सऊदी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। उन्होंने बताया कि इस दौरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी होंगे।
इस यात्रा को लेकर पाकिस्तान ने चुप्पी साध रखी है। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि जब चीजें स्पष्ट हो जायेंगी तब इस यात्रा के बारे में वह मीडिया को सूचित करेंगे। एक खबर के अनुसार ईरान एवं सऊदी अरब के बीच मध्यस्थता के इरादे से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के इस महीने के आखिर में ईरान एवं सऊदी अरब की यात्रा करने की संभावना है। हालांकि यात्रा की तारीख अभी तय नहीं है। पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर खान ने कहा था कि पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे अमेरिका से मध्यस्थता का अनुरोध किया है। बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने ही उनसे संपर्क किया था और इस बारे में अंतत: कुछ भी तय नहीं हुआ है।
पिछले महीने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर मिसाइल हमले के बाद से ईरान और सऊदी अरब के बीच तनाव बढ़ गया है। सऊदी अरब और अमेरिका दोनों देशों ने ड्रोन हमले के लिये ईरान पर आरोप लगाया, जिसका ईरान ने सख्ती से विरोध किया। इस हमले की जिम्मेदारी हूती विद्रोहियों ने ली थी। पाकिस्तान एवं कुछ अन्य देश ईरान तथा सऊदी अरब के बीच मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं।
‘डॉन' की खबर के अनुसार इस्लामाबाद पॉलिसी इंस्टीट्यूट (आईपीआई) की मेजबानी में आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में ‘फारस की खाड़ी में मध्यस्थता : पहल, रणनीति और बाधाएं' विषय पर पूर्व विदेश सचिव एजाज चौधरी ने कहा कि ऐसी भूमिका के लिये पाकिस्तान की साख मजबूत है, लेकिन उसी वक्त गहरे अविश्वास, ईरान के बढ़ते प्रभाव को लेकर सऊदी की आशंकाएं तथा क्षेत्रीय शक्ति प्रदर्शन सहित कई चुनौतियां भी हैं। अरब मामलों के विश्लेषक अली मेहर मध्यस्थता की इस पहल को लेकर काफी आशान्वित हैं और कहा कि खान दोनों देशों के बीच मध्यस्थ की भूमिका बेहतर तरीके से निभा सकते हैं। उन्होंने अमेरिकी भूमिका तथा सऊदी अरब पर उसके प्रभाव को लेकर चेतावनी दी और कहा कि इस पहल में वह (अमेरिका) महत्वपूर्ण होने से रोक सकता है।