Edited By Tanuja,Updated: 05 Sep, 2018 05:15 PM
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इन दिनों विवादों से गुजर रही है जिनमें डाटा चोरी और फेक न्यूज मामले शामिल हैं । अब इससे इतर लीबिया की राजधानी त्रिपोली में चल रही हिंसा में फेसबुक का इस्तेमाल अवैध हथियारों की...
त्रिपोलीः सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक इन दिनों विवादों से गुजर रही है जिनमें डाटा चोरी और फेक न्यूज मामले शामिल हैं । अब इससे इतर लीबिया की राजधानी त्रिपोली में चल रही हिंसा में फेसबुक का इस्तेमाल अवैध हथियारों की खरीद फरोख्त और विरोधियों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। लीबिया में जमीन कब्जाने के लिए एक युद्ध सड़कों पर तो दूसरा फेसबुक पर लड़ा जा रहा है।
कंपनी ने इसे स्वीकार करते हुए कहा है कि लीबिया में फेसबुक की निगरानी की जा रही है और कंपनी इससे निपटने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के अलावा अरबी भाषा समीक्षकों की मदद ले रही है।अपनी सफाई में कंपनी ने कहा है कि लीबिया में हिंसा को लेकर वह पूरी तरह सजग है। अरबी भाषा में शेयर की जा रही सामग्री के निरीक्षण के लिए इस भाषा के विशेषज्ञ काम कर रहें है।
इसके अलावा फेसबुक हिंसा को बढ़ावा देने वाली तस्वीरों और वीडियो को समझने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ले रहा है। कंपनी ने कई पेजों को भी डिलीट किया है।हिंसा और आतंक फैलाने के लिए तकनीक को मुख्य साधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। फेसबुक के मुताबिक आतंकी आपस में संवाद के लिए वॉट्सएप का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें एंड टू एंड एंक्रिप्शन प्लेटफॉर्म के जरिए दो लोगों के बीच हुई बातचीत गोपनीय रहती है। इसके अलावा यूट्यूब और ट्विटर पर भी हिंसा और आतंकी सामग्री फैलाई जा रही है।