Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 10:37 PM
विश्वबैंक की एक रिर्पोट में कहा गया है कि यदि विश्व की विभिन्न सरकारों ने हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले तीन दशकों में फसल बर्बादी, सूखा और समुद्र जलस्तर के बढऩे से विस्थापित होने वालों की संख्या में बड़ा बदलाव आएगा।रिर्पोट के अनुसार 2050 तक जलवायु...
वाशिंगटन: विश्वबैंक की एक रिर्पोट में कहा गया है कि यदि विश्व की विभिन्न सरकारों ने हस्तक्षेप नहीं किया तो आने वाले तीन दशकों में फसल बर्बादी, सूखा और समुद्र जलस्तर के बढऩे से विस्थापित होने वालों की संख्या में बड़ा बदलाव आएगा।
रिर्पोट के अनुसार 2050 तक जलवायु में परिवर्तन के चलते प्रवास करने वालों की संख्या उप- सहारा अफ्रीका क्षेत्र में 8.6 करोड़ होगी। दक्षिण एशिया में यह संख्या 1.7 करोड़ और लातिनी अमरीकी देशों में 14.3 करोड़ होगा। रिर्पोट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों में दुनिया की आधी से ज्यादा विकासशील आबादी रहती है।
विश्वबैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टालिना जाॢजएवा ने इस रिर्पोट को पेश करते वक्त कहा कि जलवायु परिवर्तन निर्दयी तौर पर ‘ प्रवास का इंजन’ बन गया है जो लोगों, परिवारों और पूरे के पूरे समुदायों को बेहतर आवास की खोज में अपने मूल आवास को छोडऩे पर मजबूर कर रहा है।
इस रिर्पोट के लेखकों ने तीन उदाहरणों का जिक्र किया है। इसमें कहा गया है कि 2050 तक जलवायु परिवर्तन के चलते सबसे बड़ा विस्थापित होने वाला समूह बांग्लादेश का होगा। वहीं मेक्सिको में लोगों का जलवायु परिवर्तन प्रभावित इलाकों से शहरी क्षेत्र की ओर प्रवास बढ़ेगा। इसके अलावा इथियोपिया में 2050 तक आबादी दोगुनी होने की संभावना है लेकिन फसल के नुकसान से वहां पलायन बढ़ेगा।