Edited By Punjab Kesari,Updated: 03 Feb, 2018 04:18 PM
विवादास्पद रिपब्लिकन मेमो जारी होने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एफबीआई के बीच कड़वाहट बढ़ गई है। राष्ट्रपति ने जहां एक ओर इसे ‘कंलक’ बताया वहीं खुफिया एंजेसी के प्रमुख ने अपने एजेंटों को बचाने का संकल्प लिया है। कल जारी हुए मेमो में कानून ।
वाशिंगटनः विवादास्पद रिपब्लिकन मेमो जारी होने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एफबीआई के बीच कड़वाहट बढ़ गई है। राष्ट्रपति ने जहां एक ओर इसे ‘कंलक’ बताया वहीं खुफिया एंजेसी के प्रमुख ने अपने एजेंटों को बचाने का संकल्प लिया है। कल जारी हुए मेमो में कानून प्रवर्तन अधिकारियों पर राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल मामले में ट्रंप के प्रचार अभियान के एक पूर्व सलाहकार के खिलाफ जांच पर अदालत को गुमराह करने के आरोप हैं।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने एक बयान जारी करके कहा, ‘‘यह मेमो सरकार के घुसपैठ निगरानी उपकरण का अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ इस्तेमाल के न्याय विभाग और एफबीआई के शीर्ष स्तर पर लिए गए निर्णय की सत्यनिष्ठा पर गंभीर ङ्क्षचता पैदा करता है।’’ सैंडर्स ने कहा कि मेमो जारी करने का निर्णय राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से प्राप्त जानकारी के बाद लिया गया था। सारा ने कहा जिनके लिए राष्ट्रपति के मन में बेहद आदर है। वह खासतौर पर उनके शुक्रगुजार हैं जो कि अमेरिका को सुरक्षित रखने और अमेरिकियों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के साथ ही हमारे कानून को बनाए रखने के लिए दिन रात काम करते हैं।’’
ट्रंप ने मेमो की विषयवस्तु को ‘‘कंलक ’’ करार दिया। उन्होंने मेमो जारी होने पर कहा, ‘‘बहुत सारे लोगों को अपने ऊपर र्शिमंदगी होगी।’’ ट्रंप के बचाव में कांग्रेस सदस्य डाना रेहराबाचेर ने कहा कि मेमो ‘‘सत्य को सामने लाता’’ है। इस विवाद में हालाकि एफबीआई ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा लेकिन निदेशक क्रिस्टोफर रे ने अपने कर्मचारियों को वाडियो जारी करके और पत्र लिख कर इस विवाद से विचलित नहीं होने का आग्रह किया।