स्मार्टफोन का अत्यधिक इस्तेमाल किशोरों में बढ़ाता है आत्महत्या का खतरा

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Nov, 2017 04:06 AM

increasing use of smartphones in teenagers increases risk of suicide

एक नए अनुसंधान में चेताया गया है कि स्मार्टफोन और कम्प्यूटर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से किशोरों विशेषकर लड़कियों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृति का खतरा बढ़ सकता है। अमरीका की सेन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के जीन त्वेंग ने कहा, ‘‘किशोरों में...

वॉशिंगटन: एक नए अनुसंधान में चेताया गया है कि स्मार्टफोन और कम्प्यूटर का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से किशोरों विशेषकर लड़कियों में अवसाद और आत्महत्या की प्रवृति का खतरा बढ़ सकता है। 

अमरीका की सेन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के जीन त्वेंग ने कहा, ‘‘किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े इन मुद्दों का बढऩा बेहद खतरनाक है। किशोर हमें बता रहे हैं कि वह संघर्ष कर रहे हैं और हमें इसे बहुत गंभीरता से लेना होगा।’’ अनुसंधानकत्र्ताओं ने 5 लाख से ज्यादा किशोर-किशोरियों से प्राप्त प्रश्नावली के डाटा का अध्ययन किया। 

उन्होंने पाया कि वर्ष 2010 और 2015 के बीच 13 से 18 साल की लड़कियों की आत्महत्या की दर 65 प्रतिशत तक बढ़ गई है। इस सर्वेक्षण में अनुसंधानकत्र्ताओं ने पाया कि प्रतिदिन 5 या उससे ज्यादा घंटे किसी इलैक्ट्रॉनिक डिवाइस पर बिताने वाले कुल बच्चों में से 48 प्रतिशत बच्चों ने आत्महत्या से जुड़े कम से कम एक काम को अंजाम दिया। यह अनुसंधान क्लीनिकल साइकोलॉजिकल साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

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