Edited By shukdev,Updated: 09 Apr, 2018 06:17 PM
चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत - चीन सीमा मुद्दे को ‘तूल’ नहीं दिया जाना चाहिए और सीमाई क्षेत्र में अमन - चैन बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को समझौते का पालन करना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश से लगे सामरिक रूप से संवेदनशील आसाफिला इलाके...
बीजिंग : चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत - चीन सीमा मुद्दे को ‘तूल’ नहीं दिया जाना चाहिए और सीमाई क्षेत्र में अमन - चैन बनाए रखने के लिए दोनों पक्षों को समझौते का पालन करना चाहिए।अरुणाचल प्रदेश से लगे सामरिक रूप से संवेदनशील आसाफिला इलाके में भारतीय सैनिकों के ‘अतिक्रमण’पर चीन की ओर से दर्ज कराए गए विरोध संबंधी खबर पर सवालों का मंत्रालय ने सीधा जवाब नहीं दिया।
भारतीय पक्ष ने बीजिंग की शिकायत को खारिज कर दिया। खबर के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा , ‘ जहां तक भारत - चीन सीमा पर स्थिति की बात है , मैं विस्तृत जानकारी से अवगत नहीं हूं।’गेंग ने कहा, ‘मुद्दे का प्रस्ताव लंबित होने के मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि मुद्दों को तूल देने की बजाए दोनों पक्ष समझौते का पालन कर सकते हैं।’ साथ ही कहा कि सीमा क्षेत्र में अमन-चैन बनाए रखना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि चीन ने लगातार कहा है कि बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं देता। उसका दावा है कि यह दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है।
गेंग ने कहा, ‘भारत-चीन सीमा पर चीन का रुख समान और स्पष्ट है। चीन की सरकार ने तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी।’ उन्होंने कहा, ‘चीन और भारत सीमाई मुद्दों को सुलझाने और उचित तथा तर्कसंगत समाधान के लिए विचार-विमर्श और समझौता वार्ता में भागीदारी कर रहा है, जो कि दोनों पक्षों को स्वीकार्य हो।’ दोनों देशों में सीमाई मुद्दे को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधि स्तरीय वार्ता का तंत्र है।