Edited By Punjab Kesari,Updated: 21 Feb, 2018 05:29 PM
भारत ने आज कहा कि मालदीव की सरकार द्वारा अपने संविधान का उल्लंघन करते हुए आपातकाल को 30 दिनों तक बढ़ाए जाने से वह बेहद निराश एवं चिंतित है । विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मालदीव की संसद मजलिस ने जिस तरह से अपने संविधान का उल्लंघन करते हुए
नई दिल्लीः भारत ने आज कहा कि मालदीव की सरकार द्वारा अपने संविधान का उल्लंघन करते हुए आपातकाल को 30 दिनों तक बढ़ाए जाने से वह बेहद निराश एवं चिंतित है । विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि मालदीव की संसद मजलिस ने जिस तरह से अपने संविधान का उल्लंघन करते हुए आपातकाल की अवधि को आगे बढ़ाया है, वह चिंता का विषय है।
मंत्रालय ने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने में देरी और न्यायपालिका समेत लोकतांत्रिक संस्थाओं के कामकाज को निलंबित करना जारी रखने से मालदीव में सामान्य स्थिति बहाल होने में और देरी हो सकती है । विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि लोकतांत्रिक संस्थाओं को स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं पारदर्शी तरीके से और संविधान के अनुरूप काम करने की अनुमति दी जाए । इससे पहले, भारत ने कल भी कहा था कि उसे आशा है कि मालदीव समयसीमा समाप्त होने के बाद आपातकाल को फिर नहीं बढ़ायेगा और शीघ्र लोकतंत्र और कानून के शासन की राह पर लौटेगा ।
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 5 फरवरी 2018 को अपने देश में आपातकाल की घोषण की और इसकी अवधि कल शाम समाप्त हुई थी। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कल कहा था, ‘‘ हमारी यह उम्मीद है कि मालदीव सरकार आपातकाल की अवधि को आगे नहीं बढ़ाएगी ताकि मालदीव में राजनीतिक प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से शुरू की जा सके। मंत्रालय ने मालदीव सरकार से उच्चतम न्यायालय के एक फरवरी के आदेश को लागू करने को भी कहा जिसमें निवार्सित पूर्व नेता मोहम्मद नशीद एवं आठ अन्य की रिहाई सही अर्थो में सुनिश्चित की जा सके, साथ ही देश के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंताओं को दूर किया जा सके ।