पुलवामा हमले से पहले 5% की दर से बढ़ रहा था भारत-पाकिस्तान व्यापार

Edited By Isha,Updated: 24 Feb, 2019 04:26 PM

india pakistan trade was growing at the rate of 5 before the pulwama attack

पाकिस्तान के मीडिया की रिर्पोटों में यह जानकारी दी गई कि पुलवामा हमले से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पहले करीब पांच प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ रहा था। पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) में इस माह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के

बिजनेस डेस्कः पाकिस्तान के मीडिया की रिर्पोटों में यह जानकारी दी गई कि पुलवामा हमले से पहले भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार पहले करीब पांच प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ रहा था। पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) में इस माह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के काफिले पर आत्मघाती आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ व्यापारिक कार्रवाई शुरू कर दी है औरा उसको को 1995 में दिया गया व्यापार में सर्वाधिक तरजीही देश (एमएफएन) का दर्जा वापस ले लिया है।

एमएफन के तहत डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के साथ शुल्क के मामले में बराबर का व्यवहार करना होता है। एमएफएन का दर्जा वापस लेने के बाद भारत ने पाकिस्तानी सामान पर 200 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क लगाया। पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के 14 फरवरी को आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार हालांकि भारत के 200 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने का कोई खासा असर नहीं होगा क्योंकि पाकिस्तान का भारत को सालाना निर्यात कुछ लाख डालर का ही है। इसमें कहा गया है कि व्यापार के आंकड़े बताते हैं कि मौजूदा गतिरोध का भारत पर असर होगा।

वर्ष 2018-19 में जुलाई से जनवरी के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार 1.122 अरब डालर का रहा जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1.069 अरब डालर के मुकाबले 4.96 प्रतिशत अधिक है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात महीनों के आंकड़े से पता चलता है कि पाकिस्तान को भारतीय निर्यात कुल द्विपक्षीय व्यापार का 79.33 प्रतिशत है। भारत के एमएफएन का दर्जा वापस लेने के कदम के बारे में पूछे जाने पर वाणिज्य सचिव यूनुस दागा ने अखबर से कहा कि वाणिज्य विभाग ने विभिन्न विकल्प तैयार किये हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा।

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