मसूद अजहर को लेकर भारत की चीन को दो टूक, सीपेक को लेकर कही ये बात

Edited By ,Updated: 23 Feb, 2017 11:25 AM

india tells china cpec violates our sovereignty

भारत ने  22 फरवरी  को कहा कि चीन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह रेशम मार्ग शिखर सम्मेलन में कैसे भाग ले सकता है...

बीजिंगः भारत ने  22 फरवरी  को कहा कि चीन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह रेशम मार्ग शिखर सम्मेलन में कैसे भाग ले सकता है जब 46 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) पी.ओ.के. से गुजर रहा है जो उसकी संप्रभुता का उल्लंघन है। विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, उन्होंने शिखर सम्मेलन में सरकार के भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया। हम इस मामले पर गौर कर रहे हैं।’ जयशंकर ने  कहा, ‘सच्चाई यह है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक) इस विशेष पहल का हिस्सा है।

सीपेक भारतीय संप्रभुता का उल्लंघन करता है क्योंकि यह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजरता है।’ विदेश सचिव ने कहा, ‘चीन संप्रभुता संबंधी चिंताओं को लेकर बहुत संवेदनशील देश है, ऐसे में उसे यह बताना चाहिए जब किसी देश की संप्रभुता का हनन होता है तो वह किसी निमंत्रण पर कैसे आ सकता है। हम यह देखना चाहेंगे कि इस संदर्भ में क्या प्रस्ताव है। हम उनके साथ अपनी चिंताओं को साझा करने में बहुत स्पष्ट हैं और हम इसे सार्वजनिक रूप से साझा करते हैं। परंतु यह मुद्दा हमारे लिए संप्रभुता का मुद्दा है।’

जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित कराने के लिए ‘ठोस सबूत’ मांगने पर चीन पर निशाना साधते हुए भारत ने दो टूक शब्दों में कहा कि अजहर की करतूतें ‘अच्छी तरह दस्तावेजित हैं’ और इसे साबित करने की जिम्मेदारी उसकी नहीं है। चीन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत के बाद विदेश सचिव एस जयशंकर ने  कहा कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत की चिंताओं और प्राथमिकताओं से अवगत कराने में यह बातचीत उपयोगी रही।जयशंकर ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका के आवेदन का उल्लेख करते हुए कहा, ‘मसूद अजहर पर 1267 समिति के प्रतिबंधों के मुद्दे पर हमने उस आवेदन के औचित्य के बारे में बताया और इसका उल्लेख किया कि इसे सिर्फ भारत ने नहीं, बल्कि दूसरे देशों ने आगे बढ़ाया है।’


चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से अजहर के मामले पर ‘ठोस सबूत’ मांगने पर जयशंकर ने कहा, ‘अजहर के मामले में जैश को खुद को 1267 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। इसलिए सबूत 1267 समिति के कार्रवाई में है। इस मामले में अजहर ने जो कुछ भी किया है वो सभी अच्छी तरह दस्तावेजित हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जिस प्रस्ताव को लेकर सवाल किया गया है उसे हमारी ओर से नहीं बढ़ाया गया है। यह भारत की जिम्मेदारी नहीं है कि वह इसे साबित करे। इसके प्रायोजक भी पूरी तरह सहमत दिखाई पड़ते हैं, अन्यथा उन्होंने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की पहल नहीं की होती।’
 
 

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