Edited By ,Updated: 09 Dec, 2015 11:13 AM
भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभ्यासों में जुडऩे की अमरीकी सेना की इच्छा और उत्सुकता में वृद्धि को देखते हुए अमरीकी प्रशांत कमान के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि इस संबंध की रफ्तार नई दिल्ली द्वारा...
वाशिंगटन:भारतीय सेना के साथ संयुक्त अभ्यासों में जुडऩे की अमरीकी सेना की इच्छा और उत्सुकता में वृद्धि को देखते हुए अमरीकी प्रशांत कमान के एक शीर्ष जनरल ने कहा है कि इस संबंध की रफ्तार नई दिल्ली द्वारा तय की जा रही है। एशिया में अमरीकी सेना के कमांडिंग जनरल विंसेंट के ब्रुक्स ने कहा, ‘‘इस समय भारतीय सेना के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं और ये बढ़ रहे हैं । मैं कहूंगा कि सेना का सेना के साथ एक गर्मजोशी से भरा संबंध है । हमें कितना काम करने की अनुमति है, इस संबंध में हमें हमारी सरकारों की गति के जरिए काम करना है । लेकिन भारतीय सेना के साथ काम करने की हमारी इच्छा और उत्सुकता में वृद्धि हो रही है ।’’
जनरल ब्रुक्स ने वाशिंगटन में रक्षा लेखकों के एक गोलमेज सम्मेलन में कहा कि अमरीका ‘एक गर्मजोशी से भरे संबंध की नींव’ के रूप में ‘युद्धाभ्यास’ जैसे द्विपक्षीय अभ्यासों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अमरीकी सैन्य उपकरणों की खरीद ‘‘यदि समरूप नहीं तो साझेदार’’ बनाने के लिए तो द्वार खोलती ही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हम उस गति से आगे बढ़ रहे हैं, जिस पर चलने की अनुमति हमारी सरकारों की आेर से हमें मिली है। और वास्तव में इस गति का निर्धारण भारत द्वारा किया जा रहा है। जिस तेज या जिस धीमी गति से वे हमें चलाना चाहेंगे, हम उसी से गति करेंगे। क्योंकि अब हमारे पास क्षेत्र में संसाधन हैं और यह हमारे लिए एक बड़ा अवसर है।’’
जनरल ब्रुक्स ने कहा कि मानवीय मदद और आपदा मोचन सहयोग का एक बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र है । उन्होंने कहा, ‘‘आपने नेपाल भूकंप प्रतिक्रिया में एेसा देखा ही होगा।’’ उन्होंने कहा कि इतनी त्वरित आपदा एवं मानवीय प्रतिक्रिया दोनों देशों के सशस्त्र बलों के चलते संभव हो सकी । उन्होंने कहा, ‘‘इस समय हम द्विपक्षीय स्तर के अभ्यास कर रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि एक समय पर हम बहुपक्षीय स्तर का भी अभ्यास करेंगे जो हमें अगली बार आने वाली आपदा के समय के लिए तैयार करेगा।’’ जनरल की ये टिप्पणियां एेसे समय पर आई हैं, जब एक दिन पहले ही रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर अमरीकी प्रशांत कमान मुख्यालय का दौरा करके आए हैं। एेसा करने वाले वह पहले भारतीय रक्षामंत्री हैं ।