Edited By Tanuja,Updated: 28 May, 2022 12:20 PM
ताजिकिस्तान के दुशांबे में रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के अफगानिस्तान...
इंटरनेशनल डेस्कः ताजिकिस्तान के दुशांबे में रीजनल सिक्योरिटी डायलॉग कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि भारत के अफगानिस्तान के साथ ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंध हैं और भारत हमेशा अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा रहा है। अफगानिस्तान को लेकर चौथे क्षेत्रीय सुरक्षा संवाद में ताजिकिस्तान, रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान, किर्गिस्तान और चीन ने हिस्सा लिया। डोभाल ने बैठक के इतर ईरान, ताजिकिस्तान, रूस के अपने समकक्षों से भी मुलाकात की।
दुशांबे में NSA अजीत डोभाल ने अपने समकक्षों के साथ चर्चा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि भारत अफगानिस्तान का हितैषी था और है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की शांति को खतरा पैदा करने वाले आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए इस देश की ताकत को बढ़ाने का आह्वान किया। अफगानिस्तान और क्षेत्र की स्थिति पर चर्चा करने वाले विभिन्न देशों के सुरक्षा सलाहकारों ने कहा कि अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और आतंकवाद से निपटने के लिए नए तरीके खोजने होंगे।
बता दें कि डोभाल की ये टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब पाकिस्तान भले ही खुद को अफगानिस्तान को अपना संरक्षक बताता है औऱ कहता है कि अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका नहीं है। वहीं डोभाल ने कहा कि आतंकवाद और आतंकवादी समूहों का मुकाबला करने के लिए अफगानिस्तान की क्षमता बढ़ाने के लिए जरूरी है कि चर्चा में सभी मौजूद रहें।
NSA डोभाल ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता जीवन का अधिकार और सम्मानजनक जीवन के साथ-साथ अफगानिस्तान में सभी लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा है। सहायता सभी के लिए सुलभ होनी चाहि औऱ अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत सभी दायित्वों का सम्मान सुनिश्चित किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि भारत ने दशकों से अफगानिस्तान में बुनियादी ढांचे, कम्युनिकेशन और मानवीय सहायता पर ध्यान केंद्रित किया है और सदस्यों के सामूहिक प्रयासों से हम अफगानिस्तान के लोगों को एक बार फिर एक समृद्ध और जीवंत राष्ट्र बनाने में मदद कर सकते हैं।