Edited By Isha,Updated: 08 May, 2018 05:43 PM
नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हेल्थ ( एनआईएच ) ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में औषधि विज्ञान के भारतीय मूल के प्रोफेसर ताहिर हुसैन को किडनी से जुड़े एक अध्ययन के लिए 16 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की है। यह राशि एक गुर्दे की कोशिका की जांच करने के लिए दी
ह्यूस्टनः नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ हेल्थ ( एनआईएच ) ने ह्यूस्टन विश्वविद्यालय में औषधि विज्ञान के भारतीय मूल के प्रोफेसर ताहिर हुसैन को किडनी से जुड़े एक अध्ययन के लिए 16 लाख अमेरिकी डॉलर की राशि प्रदान की है। यह राशि एक गुर्दे की कोशिका की जांच करने के लिए दी गयी है जो मोटापा के कारण होने वाले सूजन से किडनी को पहुंचने वाली क्षति को रोक सकती है।
हुसैन ने बताया कि अगर एटी 2 आर प्रोटिन को हम सक्रिय करने में सफल हो सके तो वह किडनी की पुरानी और गंभीर समस्याओं से निजात पाने में मददगार साबित हो सकता है। मूल रूप से भारत के रहने वाले और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एलुमनी हुसैन सक्रिय एटी 2 आर और एटी 2 आर की गैरमौजूदगी में किडनी पर सूजन के प्रभावों का अध्ययन करेंगे।
उन्होंने कहा , ‘‘ इस अनुदान के लिए मैं जो प्रस्ताव दे रहा हूं वह यह है कि गुर्दे में कुछ कोशिकाएं होती हैं जो गुर्दे की रक्षा कर सकती हैं। ’’ हुसैन ने भारत के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से बीएससी ( रसायनशास्त्र ), एमएससी , एमफिल और पीएचडी ( बायोकेमेस्ट्री ) किया है। इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क के ईस्ट कैरोलिना विश्वविद्यालय से पोस्ट - डॉक्टरेट ( औषधि विज्ञान ) किया।