Edited By Tanuja,Updated: 13 Nov, 2018 03:04 PM
दुनिया भर के वैज्ञानिक रोबोटिक्स के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। वे ऐसे रोबोट विकसित कर रहे हैं जिनसे कई काम आसान हो सकें। इसके लिए सबसे जरूरी है रोबोट में जल्द सीखने की क्षमता विकसित करना...
न्यूयार्कः दुनिया भर के वैज्ञानिक रोबोटिक्स के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। वे ऐसे रोबोट विकसित कर रहे हैं जिनसे कई काम आसान हो सकें। इसके लिए सबसे जरूरी है रोबोट में जल्द सीखने की क्षमता विकसित करना। इस दिशा में वैज्ञानिकों ने एक बड़ा कदम बढ़ाया है। वे रोबोट को किसी टास्क को इंसानों से जल्द सीखाने का काम कर रहे हैं। खास बात ये है कि इन रोबोट को सिखाने में भारतीय वैज्ञानिक अपना अहम योगदान दे रहे हैं।
दरअसल, वैज्ञानिक वर्तमान में दो ऐसे फ्रेमवर्क्स पर काम कर रहे हैं, जिनसे रोबोट किसी टास्क को इंसानों से जल्द सीख सकेंगे। उदाहरण के तौर पर हम जिस तरह से किसी सामान को अपने हाथों से उठाते हैं, अब रोबोट हमारे जरिए इस टास्क को तेज गति और आसानी से सीख सकेंगे। अहम बात यह है कि इस पर काम कर रहे वैज्ञानिकों के दल में एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी शामिल हैं।
अमेरिका स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के छात्र अजय मंडलेकर कहते हैं, हमने एक रोबोटर्क नाम का फ्रेमवर्क तैयार किया है। इसकी मदद से लोग स्मार्टफोन और ब्राउजर का प्रयोग कर रोबोट को रीयल टाइम में किसी टास्क के बारे में निर्देश दे सकेंगे। वहीं, इसके अलावा एक और फ्रेमवर्क तैयार किया गया है, जिसका नाम सुररीयल है। इसे तैयार करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि यह फ्रेमवर्क रोबोट के सीखने की गति को बढ़ाने में सक्षम है।
इतना ही नहीं इस फ्रेमवर्क की मदद से रोबोट को एक बार में कई कार्य बताए जा सकते हैं, जिसे वह आसानी से सीख सकता है। अजय कहते हैं, रोबोटर्क और सुपररीयल की मदद से हम रोबोट्स को सिखाने की अपनी सीमाओं को तोड़ सकते हैं। अभी रोबोट्स के सीखने की क्षमता सीमित है। इन फ्रेमवर्क का प्रयोग कर हम उसे बढ़ा सकते हैं। इससे हम भविष्य में और बेहतर रोबोट तैयार कर सकेंगे, जिससे हमारे बहुत से काम आसान हो सकेंगे।