चीन में भारतीय योग गुरुओं का क्रेज, इसलिए बढ़ रही डिमांड

Edited By ,Updated: 11 Mar, 2017 01:23 PM

indian yoga teachers are in high demand in china

पड़ोसी देश चीन भले ही तकनीक और उत्पादों के मामले में भारत से एक कदम आगे दिखता हो लेकिन भारतीय संस्कृति में कई ऐसी चीजे हैं जिसके चाइनीज दीवाने हैं...

बीजिंगः पड़ोसी देश चीन भले ही तकनीक और उत्पादों के मामले में भारत से एक कदम आगे दिखता हो लेकिन भारतीय संस्कृति में कई ऐसी चीजे हैं जिसके चाइनीज दीवाने हैं। इन दिनों ऋषिकेश में प्रशिक्षित योग गुरुओं का चीन में डंका बज रहा है। चीन में लगभग 1500 योग गुरु हैं, इनमें से 70 से 80 फीसदी योग गुरु ऋषिकेश और हरिद्वार से बुलाए जाते हैं। 

ऋषिकेश को भारत के योग की राजधानी माना जाता है। दक्षिण-पूर्वी एशिया में योग हर समय डिमांड में रहता है। चीन में लगभग 1500 योग गुरु हैं और ज्यादातर  ऋषिकेश और हरिद्वार में प्रशिक्षित हैं। आशीष बहुगुणा एक दशक से चीन में योग सिखा रहे हैं।  पिछले साल उन्हें चीन के सबसे सुंदर योगी का खिताब दिया गया था। बीजिंग में वह खुद का 'वी योगा' नाम से स्टूडियो चला रहे हैं।

उनका कहना है कि और भी कई हैं जो योग सिखाते हैं फिर भी भारतीय गुरुओं को ज्यादा पसंद किया जाता है. चीनी भारत के प्रशिक्षकों को इसलिए चुनते हैं क्योंकि उनके बेसिक्स मजबूत हैं। 2009 के आकड़ों के अनुसार चीन के लगभग 40 लाख लोग योग अभ्यास से जुडे थे. जो 2010 तक बढ़ कर 1 करोड़ पहुंच गया था. 2009 में चीन में लगभग 1.1 लाख प्रोफेशनल योग प्रशिक्षक थे. जो 2014 तक बढ़ कर 2.3 लाख हो गए।  मोहन भंडारी उन शुरुआती गुरुओं में से एक हैं जो ऋषिकेश से आकर चीन में बस गए थे।

वह बताते हैं कि चीनी योग को एक दम सही ढंग से ही सीखना चाहते हैं।  वो इसके लिए भारत से ही विशेषज्ञ बुलाते हैं क्योंकि योग का जड़ भारत में है। भंडारी 2003 में चीन आए थे। उनकी देश में कई 'योगी योग' स्टूडियोज की शाखाएं हैं  जिनमें लगभग 9 हजार छात्र हैं। चीन में योग इंडसट्री 20 प्रतिशत सालाना दर से बढ़ रही है. योग गुरुओं में से हर कोई प्रति माह एक लाख रुपए से ऊपर कमा रहा है। 


 

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