भारत-अमेरिका आतंकवाद, जिहादी संस्कृति के खिलाफ मिलकर काम करेंगे: राजदूत संधू

Edited By rajesh kumar,Updated: 07 Feb, 2020 05:43 PM

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अमेरिका में भारत के नये राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों में असीमित संभावना है और दोनों देश दुनिया में पैर फैलाने में जुटे आतंकवाद एवं जिहादी संस्कृति का मुकाबला करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। भारतीय विदेश सेवा...

वाशिंगटन: अमेरिका में भारत के नये राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा है कि भारत-अमेरिका संबंधों में असीमित संभावना है और दोनों देश दुनिया में पैर फैलाने में जुटे आतंकवाद एवं जिहादी संस्कृति का मुकाबला करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। भारतीय विदेश सेवा के 1988 बैच के अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यहां व्हाइट हाउस के ओवल हाऊस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना परिचय पत्र सौंपा।

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संधू के लिए बृहस्पतिवार को आयोजित स्वागत कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘अमेरिका और भारत कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे तथा सभी समस्याओं का सामना करेंगे, चाहे वह आतंकवाद के मोर्चे पर हो या जिहादी संस्कृति के मोर्च, जो पूरी दुनिया में पैर फैला रहा है।' उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच (संबंधों में) असीमित संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि 1997 में जब वह यहां अपनी पहली पोस्टिंग के लिए आये थे, तब से दोनों देशों ने लंबा सफर तय किया है लेकिन अभी काफी कुछ और करने की जरूरत है। संधू ने कहा, ‘जब सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र की बात हो, जब महात्मा गांधी और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की भूमि की बात हो, जब सिलिकॉन वैली और बेंगलुरु की बात हो, तब निश्चित ही संभावनाएं विपुल हैं।'

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उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय द्वारा निभायी जा रही भूमिका का भी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने जुलाई 2013 से जनवरी 2017 तक उपराजदूत और 1997 से 2000 तक प्रथम सचिव (राजनीति) की अपनी पिछली पारियों को उल्लेख करते हुए कहा कि उनके लिए यह ‘घर वापसी' है। संधू ने कहा कि उनकी जब वाशिंगटन में नियुक्ति हुई, तब का दौर बड़ा चुनौतीपूर्ण रहा। उन्होंने कहा, जब मैं गया तब चीजें वाकई काफी आसान हो गयीं। उनकी पहली पोस्टिंग के दौरान भारत 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के चलते अमेरिका की पाबंदियों से जूझ रहा था और उनकी दूसरी पोस्टिंग के समय देवयानी खोबरागड़े से संबंधित घटना घटी थी।

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वीजा फर्जीवाड़े के आरोप में दिसंबर 2014 में न्यायूर्क में भारत की महावाणिज्य दूत 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी खोबरागड़े को गिरफ्तार करने के बाद भारत और अमेरिका के संबंधों में बड़ा विवाद पैदा हो गया था। संधू ने भरोसा जताया कि भारत और अमेरिका अपने मतभेदों को सुलझा लेंगे। संधू के स्वागत समारोह में उनके पूर्ववर्ती हर्षवर्धन श्रृंगला, ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय मूल के सांसद राजा कृष्णमूर्ति, भारतीय मूल के प्रमुख अमेरिकी मौजूद थे। व्हाइट हाउस ने रविवार को अमेरिका पहुंचे संधू द्वारा राष्ट्रपति को परिचय पत्र सौंपने की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के लिए विशेष प्रयास किया। संधू ने ट्वीट किया अमेरिका में भारत के राजदूत के रूप में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपना परिचय पत्र सौंपकर गौरवान्वित महसूस किया।

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