Edited By Pardeep,Updated: 29 Apr, 2019 05:45 AM
इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे बड़े एक दिवसीय चुनावों के आयोजन के दस दिनों के बाद, 270 से अधिक चुनाव कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है । इनमे ज्यादातर वे अस्थाई कर्मी हैं जो लगातार लंबे समय तक अधिक काम करते रहे, लाखों मतपत्रों को हाथ से गिनते रहे। एक...
जकार्ताः इंडोनेशिया में दुनिया के सबसे बड़े एक दिवसीय चुनावों के आयोजन के दस दिनों के बाद, 270 से अधिक चुनाव कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है । इनमे ज्यादातर वे अस्थाई कर्मी हैं जो लगातार लंबे समय तक अधिक काम करते रहे, लाखों मतपत्रों को हाथ से गिनते रहे।
एक अधिकारी ने रविवार को कहा 17 अप्रैल के चुनाव में पहली बार 26 करोड़ लोगों के देश ने राष्ट्रीय और क्षेत्रीय संसदीय लोगों के साथ राष्ट्रपति वोट को संयुक्त रूप से चुना। उल्लेखनीय है की सभी चुनावों को साथ में करने का उद्देश्य चुनावों की लागत में कटौती करना था। 19.3 करोड़ योग्य मतदाताओं में से लगभग 80% ने 800,000 से अधिक मतदान केंद्रों में अपने वोट डाले।
लेकिन एक ऐसे देश में आठ घंटे के मतदान का आयोजन करना जो पूर्व से पश्चिम तक 5,000 किमी (3,000 मील) से अधिक लंबा हो, एक बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था और ये चुनाव कर्मियों के लिए घातक साबित हुए, जिन्हें हाथ से मतपत्रों की गिनती करनी थी। आलोचकों का कहना है कि सरकार चुनावों की व्यस्वस्था करने में बुरी तरह नाकाम रही।
राष्ट्रपति जोको विडोडो और विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रबोवो सुबिआंतो, दोनों ने ही जीत की घोषणा की है, हालांकि शुरुआती रिझानों में राष्ट्रपति विडोडो लगभग 10 प्रतिशत वोटों से आगे चल रहे हैं। इंडोनेशिया का जनरल इलेक्शन कमीशन वोट काउंटिंग कर 22 मई को राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों के विजेताओं की घोषणा करेगा।