फ्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति बने मैक्रोन, जानिए कुछ खास बातें (pics)

Edited By ,Updated: 08 May, 2017 05:12 PM

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फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 39 वर्षीय एमानुएल मैक्रोन को देश का सबसे युवा राष्ट्रपति चुना गया है...

पेरिसः फ्रांस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में 39 वर्षीय एमानुएल मैक्रोन को देश का सबसे युवा राष्ट्रपति चुना गया है। रविवार को हुए दूसरे चरण के चुनाव में मैक्रोन ने अपनी प्रतिद्धंदी और धुर दक्षिणपंथी रुझानों वाली मरीन ली पेन को मात दे दी। चुनाव में मैक्रोन को 65.5 से 66.1 प्रतिशत के करीब वोट मिले, जबकि मरीन ली पेन को 33.9 से 34.5 प्रतिशत के करीब वोट मिले।मैक्रोन ने अपनी जीत को फ्रांस के लिए नई उम्मीदों और विश्वास से भरे अध्याय की शुरूआत बताया है।

आइए जानते हैं  नए राष्ट्रपति के बारे में ये दिलचस्प बातें ...

सिर्फ 3 साल पहले आए राजनीति में

बैंकर से राष्ट्रपति चुने गए मैक्रोन तीन साल पहले तक फ्रांस की राजनीति का एक अनजान चेहरा थे। वह फ्रांस्वा ओलांद सरकार में वित्त मंत्री रहे और अगस्त 2016 में मैक्रोन ने अपनी नई सियासी मुहिम 'इन मार्श' शुरू की। इसके चार महीने बाद सरकार से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की घोषणा की।

...तब उड़ा था खूब मजाक
जब मैक्रोन ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की तो उनका मजाक उड़ाया गया और उन्हें नौसिखिया तक कहा गया। उनकी पहचान एक उदारवादी नेता के रूप में है और खुले तौर पर यूरोपीय यूनियन समर्थक हैं।

वित्त मंत्री का जिम्मा संभाल चुके
मैक्रोन का जन्म 21 दिसंबर 1977 को फ्रांस के एमियेंज में हुआ। फिलोसोफी से छात्र रहे एमानुएल साल 2004 में ग्रेजुएट होने के बाद इनवेस्टमेंट बैंकर बन गए। 2006 से 2009 के बीच वो सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य रहे। 2012 में पहली बार जब फ्रांस्वा ओलांद की सरकार बन तब मैक्रोन को डिप्टी सेक्रेटरी जनरल चुना गया। 2014 में मैक्रोन ने वित्त मंत्री का जिम्मा संभाला। अगस्त 2016 में सरकार से इस्तीफा देकर राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की। मैक्रॉन के जीवन का यह पहला चुनाव था।  2012 में इन्हें राष्ट्रपति ओलांद का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया था। नवंबर 2016 में मैक्रॉन राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में सामने आए।

 बराक ओबामा का मिला समर्थन
इन्हें अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी समर्थन मिला हुआ है। पिछले साल मैक्रॉन ने अपना राजनीतिक मूवमेंट ‘एन मार्श’ लांच किया और सोशलिस्‍ट सरकार का साथ छोड़ दिया। उन्‍होंने बिजनेस व सिविल सोसाइटी से नए आंकड़ों के साथ सरकार बना पूरी राजनीतिक व्‍यवस्‍था को हिलाने का वादा किया। अपनी राजनीतिक रैलियों में उन्‍होंने समर्थकों को फ्रांसीसी तिरंगे के साथ यूरोपियन संघ के झंडे को भी लहाराने को कहा था।

यूरोप के सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे
अपने चुनावी अभियान में मैक्रॉन अकेले नहीं थे उनकी पत्‍नी उनके साथ रहीं। ब्रिगिट मैक्रॉन उनसे 24 साल बड़ी हैं और उनकी सबसे करीबी सलाहकार और समर्थक हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद मैक्रोन यूरोप के सबसे शक्तिशाली नेता बनकर उभरे हैं।  इस जीत के साथ ही अब मैक्रोन के सामने फ्रांस और यूरोपीय संघ के राजनीतिक और आर्थिक सुधार का बेहद महत्वपूर्ण एजेंडा होगा। चुनाव परिणाम का असर पूरी दुनिया पर होगा। 


 

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